Home धर्म यज्ञ करने से जल-वायु और आकाश होते हैं शुद्ध : स्वामी श्रद्धानन्द

यज्ञ करने से जल-वायु और आकाश होते हैं शुद्ध : स्वामी श्रद्धानन्द

पलवल, (आवाज केसरी) अगस्त पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए बडोली में वैदिक पद्धति से यज्ञानुष्ठान किया गया । कुलदीप बैंसला ने यजमान की भूमिका निभाई। स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती ने यज्ञ सम्पन्न कराया। यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत श्रद्धानन्द ने कहा कि भूमि, जल वायु,आकाश आदि के शुद्ध रहने से ही हम सुखी रह सकते हैं।

बड़ौली गाँव में यज्ञ में भाग लेते स्वामी सरस्वती एवं ग्रामीण

सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए  पर्यावरण में सन्तुलन बनाये रखना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण के निवारण में यज्ञ की महत्वपूर्ण भूमिका है, साथ ही साथ पेड पौधे वनस्पति आदि की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण  प्रकृति का मानसून असंतुलित हो गया है परिणाम स्वरुप कहीं कहीं तो वर्षा का पानी इतना अम्लयुक्त होता है कि अच्छी फसलें भी नष्ट हो जाती है। स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती ने कहा कि यज्ञ की वैदिक  प्रक्रिया को विश्व के कई देशों में बीमारियों को दूर करने, प्रदूषण रोकने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए गृह चिकित्सा के रूप में अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यज्ञ में जिन मंत्रों से आहुति दी जाती हैं उनसे पूर्व ओ३म् शब्द का उच्चारण किया जाता है जो हमें बोध करता है कि समस्त प्राकृतिक प्रदार्थों का आदि मूल परमेश्वर है।इस अवसर पर धनसिंह आर्य, सुनील पोसवाल, नरेंद्र शास्त्री, नवनीत, नवीनकुमार, सुनील, इन्द्रकुमार सहरावत आदि मौजूद थे।

[the_ad id='25870']

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here