पलवल के गांव बघोला के शमशान घाट में पानी का जमावड़ा होने की वजह से बुजुर्ग दलित महिला का अंतिम संस्कार 18 घंटे बाद बड़ी मुश्किल से हो पाया है । वह भी ग्रामीणों ने चन्दा इक्क्ठा कर जेसीबी मशीन से शमशान घाट में मिट्टी डलवाने का काम शुरू किया तब जाकर हो पाया । शमशान घाट की इस समस्या के चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त था लेकिन प्रशाशनिक अधिकारीयों ने ग्रामीणों की लम्बे समय से चली आ रही इस मांग को अनसुना किया हुआ था । लोगों का कहना है की कई सालों से दलित शमशान घाट की समस्या से परेशान हैं सीएम विंडो पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो पाई।

हरियाणा की भाजपा सरकार में दलित कितने परेशान हैं इसका जीता जागता उदारण पलवल के गांव बघोला गाँव में देखने को मिला जहां पर एक बुजुर्ग दलित महिला की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार इसलिए नहीं हो पा रहा था क्योंकि दलितों के शमशान घाट में गंदे पानी का जमावड़ा बना हुआ था। शमशान घाट में शव का दाहसंस्कार करने के लिए रास्ता ही नहीं है इस लिए 62 वर्षीय दलित बुजुर्ग महिला रेशम का शव वीरवार से ही उनके घर में रखा हुआ था । एक तरफ परिवार वालों का रो- रोकर बुरा हाल था वहीं गाँव में राजनीति भी अपने चरम पर रही । यूँ तो हर कोई चाहता था की उसका अंतिम अंतिम संस्कार जल्द से जल्द हो लेकिन जब तक शमशान घाट में रास्ते की कोई वैकल्पित व्यवस्था नहीं होगी तब तक रेशम का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया । और शव घर में ही रखा रहा ।

आपको बता दे कि वीरवार की शाम को बघोला गाँव निवासी रेशम बुजुर्ग महिला की मौत लम्बी बीमारी के चलते हो गई थी लेकिन शमशान घाट में पानी भरा होने के चलते मृत महिला के परिजन उसका अंतिम संस्कार नहीं कर पाए। ग्रामीणों ने बताया कि शमशान घाट में यह समस्या पिछले लंबे समय से बनी हुई है जिसकी शिकायत उन्होंने सीएम विंडो के अलावा अन्य कई उच्चाधिकारी और सरपंच से कई बार की लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।

ग्रामीणों का कहना है कि जब भी किसी व्यक्ति की मौत होती है तो यही हाल रहता है। यहां अंतिम संस्कार करना बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि कई बार अंतिम संस्कार करने के लिए शमशान घाट की दीवारों को फांदकर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ता है जिसके चलते कई बार लोगों को चोटें भी आई है। ग्रामीण हरदत्त और मृत महिला के पुत्र ने बताया कि कल से शव घर मे रखा रहा था लेकिन शमशान घाट में जगह न होने के चलते दाह संस्कार नही कर पा रहे थे उन्होंने बताया कि अब हमने खुद चन्दा जमा करके इसमें मिटटी डालने का काम किया है ।
वहीं जब इस बारे में गांव के सरपंच रविदत्त से पूछा तो उन्होंने बताया कि शमशान घाट में पानी भरा हुआ है। जिसका कारण है एनएचएआई द्वारा सड़क के साथ साथ नाली बनाई थी जिसके चलते शमशान घाट में पानी भरा रहता है जिसके लिए कई बार उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है। लेकिन समाधान कब होगा कोई नहीं जनता है ।