पलवल, (आवाज केसरी) । उपायुक्त नरेश नरवाल ने जिला की सभी ग्राम पंचायतों को पत्र लिखकर उनके गांवों से संबंधित किसानों को खेतों में फसल अवशेष जलाने से रोकने व उन्हें जागरूक करने बारे ठोस कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने कहा है कि आज के समय काफी आधुनिक तकनीक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं, जिनसे फसल अवशेषों को मिट्टïी में समायोजित करना आसानी से संभव है। इससे जमीन की उवर्रक शक्ति भी बढ़ेगी और प्रदूषण जैसी बड़ी समस्या से भी बचा जा सकता है।
उपायुक्त ने सभी सरपंचों व नंबरदारों को निर्देशित किया है कि वे गांवों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान व प्रदूषण के दुष्प्रभाव के बारे में भी बताएं। ग्राम पंचायतें ग्राम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों व किसानों को जागरूक करें। किसानों को कस्टमर हायरिंग सेंटर से कृषि यंत्र किराए पर लेकर फसल अवशेषों को खेतों में ही समायोजित करने बारे अनुरोध करें। कई अन्य किसान, जिनके पास फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र हैं, उनसे यह यंत्र किराए पर लेकर फसल अवशेषों को खेतों में ही नष्टï किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के उद्देश्य से जिला की 16 ग्राम पंचायतो व 52 विभिन्न गांवों में कस्टमर हायरिंग सेंटर को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अलावा 221 निजी कृषकों को फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र उपलब्ध करवाए गए हैं जो अन्य किसानों को किराए के लिए उपलब्ध करवा सकते हैं। इससे फसल अवशेष के प्रबंधन से किसानों को भी आर्थिक लाभ भी होगा।
उन्होंने बताया कि फसलों के अवशेष व पराली जलाने पर द एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट, 1981 के तहत एफआईआर दर्ज कराने व अन्य प्रवर्तन उपाय का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त जिला में धारा-144 भी लगाई हुई है, इसलिए किसान फसल अवशेषों को खेतों में न जलाने के लिए जिला प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना करवाना सुनिश्चित करें। फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण का स्तर बढने से सांस की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को काफी समस्या आएगी, ऐसे में कोरोना महामारी से भी ज्यादा नुकसान की संभावना रहेगी।
किसानों को किया जागरूक, पढिये पूरी खबर
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