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सफेद फंगस फेफड़ों को प्रभावित करता है : डा. ब्रह्मदीप

फाईल फोटो

पलवल, 27 मई (आवाज केसरी)। सिविल सर्जन डा. ब्रहमदीप ने बताया कि कोविड-19 रोगियों में सफेद फंगस होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि यह फेफड़ों को प्रभावित करता है और इसमें कोरोना वायरस के संक्रमण की ही तरह लक्षण पैदा होते हैं। उन्होंने बताया कि मधुमेह, कैंसर के रोगी, और जो लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे हैं, उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। यह उन कोरोना वायरस रोगियों को भी प्रभावित कर रहा है जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि इसका निमोनिया भी कोविड-19 की तरह होता है। अगर किसी मरीज में निमोनिया के दौरान कोरोना नेगेटिव है तो सफेद फंगस का निमोनिया हो सकता है, जिसके लक्षण कोविड-19 में मिलते-जुलते हैं, लेकिन इलाज में काफी अंतर है। डा. ब्रह्मदीप ने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा कि फंगस तंग और आद्र स्थानों में बढ़ता है। उन्होंने बिना धुले फल, सब्जियां और कई दिनों तक रेफ्रिजरेटर में रखे गए खाने से बचने की भी सलाह दी है। उन्होंने आगे कहा कि अपने मास्क को एक दिन से ज्यादा इस्तेमाल ना करें। धोने वाला मास्क है तो अगले दिन उसे धोने के बाद ही प्रयोग करें अन्यथा नए मास्क का प्रयोग करें।
डा. ब्रह्मदीप ने कहा कि सफेद फंगस तंग और आद्र स्थानों में उगता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके आस-पास नियमित रूप से साफ-सफाई होती है। कई दिनों तक रेफ्रिजरेटर में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें, ताजे फल खाएं, अपने घर में धूप आने दें और अपने मास्क को रोजाना धोएं। कई संक्रमणों की तरह, एक सफेद कवक संक्रमण भी कम प्रतिरक्षा सीमा वाले व्यक्ति को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। इस प्रकार कम-प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति या पहले से ही अन्य सहवर्ती रोगों के जोखिम में या प्रतिरक्षा-दमनकारी दवाओं का उपयोग करने से सफेद कवक संक्रमण को पकडऩे का एक उच्च जोखिम होता है।

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