Home कारोबार लाखों की दवा रोगियों की बजाय कहां फेंकी दी कबाड़ में

लाखों की दवा रोगियों की बजाय कहां फेंकी दी कबाड़ में

स्पष्ट निर्देशों के बावजूद गर्मी में पड़ी खराब हो रही दवा

पलवल 23 जून(आवाज केसरी ) | पलवल जिला अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही से लाखों रुपए की दवाई धूल फांक रही है। जिस महत्वपूर्ण दवाई को प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आम लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन को सौंपा था उस दवाई को यहां कंडम घोषित की गई बिल्डिंग में कूड़े -कबाड़ की तरह डाला हुआ है। आपको बता दें जिला अस्पताल परिसर में मलेरिया विभाग का अस्थाई गोदाम है, जहां पहले सीएमओ का ऑफिस हुआ करता था वहां पर बड़ी मात्रा में आयरन एंड फॉलिक एसिड सीरप का अंबार लगा कर रखा हुआ है| उसमें से कुछ दवाइयों को कपड़े की गठ्ठरों में बांधकर भी डाला हुआ है |

गर्मी में कबाड़ के रूप में रखी महत्वपूर्ण दवाई

सबसे बड़ी बात यह है कि सीरप की बोतल पर मोटे अक्षरों में लिखा हुआ है कि इस दवाई को 30 डिग्री टेंपरेचर से कम वाले ठंडे और अंधेरे स्थान पर रखा जाना चाहिए | जहां पर सूर्य की सीधी रोशनी भी नहीं पहुंचनी चाहिए |  जबकि जहां और जिस स्थान पर पिछले करीब डेढ़ माह से पड़ी हुई है वहां का टेंपरेचर इस महत्वपूर्ण दवाई को सुरक्षित रखने की दृष्टि से किसी भी तरह ठीक नहीं है | क्योंकि देखा जाए तो पलवल में सामान्य टेंपरेचर 45 के आसपास रहा है इस प्रकार 45 डिग्री तापमान पर महिलाओं एवं बच्चों में खून की कमी के लिए विशेष रूप से दी जाने वाली यह दवा अब तक खराब हो चुकी होगी |

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गट्ठरों में बांधकर कबाड़ में डाली हुई दवा

जानकारों के अनुसार यह दवाई एक सिंथेटिक संस्करण है जो एक प्रकार का विटामिन बी 9 है जो प्राकृतिक रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों, बीट्स, बीन्स, मशरूम, अंडे की जर्दी, आलू, दूध आदि में पाया जाता है। यह विटामिन स्वस्थ नई कोशिकाओं को बनाने और शरीर के कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। फॉलिक एसिड मुख्य रूप से फोलेट की कमी के मामले में प्रयोग  किया जाता है। यह प्यूरीन और पाइरीमिडीन के संश्लेषण में मदद करता है जो ब्लड और इसके घटक के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।

इसके अलावा यह आंत्र द्वारा एनीमिया, किडनी डायलिसिस, शराब, लिवर डिजीज और पोषक तत्वों के अनुचित अवशोषण को ठीक करने के लिए भी निर्धारित है। अन्य दवाओं की तुलना में फॉलिक एसिड के बारे में सबसे विशिष्ट बात यह है कि गर्भवती महिलाओं या गर्भ धारण करने की योजना बनाने वाली महिलाओं द्वारा इसे लेने की अत्यधिक सिफारिश की जाती है।

गर्भवती महिलाओं द्वारा फॉलिक एसिड का उपयोग बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ में जन्म दोष की संभावना को कम करने में मदद करता है। जो महिलाएं गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, उन्हें आमतौर पर फॉलिक एसिड के लंबे कोर्स की सलाह दी जाती है। चूंकि इसका प्रभाव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है, इसलिए इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

गर्मी में पड़ी खराब हो रही लाखों रूपये की दवाई जो नहीं पहुंचाई जरूरत मंद रोगियों तक

  इस प्रकार मरीजों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दवा है लेकिन इस दवा को उपयुक्त स्थान और लगों तक ना पहुंचाकर कबाड़ में डालकर बर्बाद किया जा रहा है |इस सम्बन्ध में जब हमने जिला अस्पताल के सेंटर स्टोर इंचार्ज रहे गोपाल से पोछने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा की कुछ भी जानना और पूछना है तो मेरे बॉस डॉ अतुल है उन्हीं से पूछो | डॉ अतुल से बात करनी चाही तो उन्होंने भी यह कहकर कुछ भी  बोलने से मना क्र दिया की हमारे सुपर बॉस सीएमओ साहब हैं | उन्होंने पत्रकारों को कुछ भी बताने से इनकार किया हुआ है | यहाँ से भी खाली हाथ लौटने से जब सीएमओ डॉ ब्रह्म्दीप सिंह से फोन से बार- बार सम्पर्क किया तो उन्होंने फोन नही उठाया | थककर जब जिला अस्पताल की प्रवक्ता डॉ सुषमा चौधरी से उच्च टेम्प्रेचर में कबाड़ की तरह खुले में डाली गई आयरन एंड फोलिक एसिड सिरप के बारे पूछा तो उन्होंने बताया की वह अभी अस्पताल में नहीं है और सीएमओ सर से इस सम्बन्ध में बात करके बता देंगी लेकिन उसके बाद उन्होंने भी कोई जानकारी नही दी | अब देखने की बात यह है की लाखों रूपये की अतिमहत्वपूर्ण दवाई को किस कारण से कबाड़ में डाला हुआ है |  दवा की यह खेप पीछे से ही खराब आई है या फिर इस दवा की पलवल में जरूरत नही है या फिर हो सकता है पलवल में इसका स्टॉक जरूरत से ज्यादा आ गया जो भी कारण रहा हो इसका भंडारण स्टेंडर्ड टेम्प्रेचर वातावरण में किया जाना चाहिए | जबकि इस दवा पर इसकी निर्माण तिथि के साथ-साथ इसके प्रयोग करने की अवधि अंतिम तिथि / एक्सपायरी डेट वर्ष 2021 अंकित है |  

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