पलवल, 13 जून आवाज केसरी)।जिला पलवल मे मलेरिया को जीरो करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य चलाया जा रहा है। यह जानकारी सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप सिंह ने दी। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मïदीप सिंह एवं मलेरिया के नोडल अधिकारी डा. पंकज की अध्यक्षता मे नागरिक अस्पताल में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में मलेरिया के 182 मामले तथा डेंगू के 45 मामले आए थे। जोकि वर्ष 2018 की तुलना मे 50 प्रतिशत कम थे। अब 2020 मे मलेरिया व डेंगू का अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी मामला समाने नही आया है। फिर भी जिला पलवल मं स्वास्थ्य विभाग मलेरिया व डेंगू को जीरो करने के लिए व पलवल को मलेरिया से मुक्त करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ अपने कार्य मे लगा हुआ है।

सिविल सर्जन ने बताया कि अब तक कोविड-19 को ध्यान मे रखते हुए सामजिक दूरी व सेनीटाईजेसन के साथ-साथ जिला पलवल में मलेरिया की जांच के लिए पिछले महीने तक 32 हजार से ज्यादा मलेरिया के बुखार के लिए मरीजों की घर-घर जाकर आरडीटी व ब्लड स्लाइड के द्वारा जांच की जा चुकी है, जिसमें एक भी मलेरिया का मरीज नही पाया गया है। इसके साथ-साथ अब तक जिला पलवल मे कोविड-19 के जितने भी मामले आए है उन सभी के घरो को एमपीएचडब्ल्यू मेल व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के द्वारा सेनीटाईजेसन व क्वारंटाइन करने का कार्य भी किया जा रहा है।

जिले मे अब तक मलेरिया विभाग की टीमों द्वारा 84 हजार 936 घरो की जांच की गई है, जिनमें मच्छर का लार्वा पाया जाने पर 270 घरो मे चेतावनी सम्बन्धी नोटिस भी दिए जा चुके है। पलवल शहर के लगभग सभी वार्ड मे नगर परिषद के साथ मिलकर फोगिंग करवाई गई है तथा कुछ कॉलोनियों में जहां पर मलेरिया व डेंगू के ज्यादा मामले आते है, उन सभी में दोबारा से फोगिंग की एक्टिविटीज करवा दी गई है। इसके साथ ही 192 तालाब व जोहोड़ो में लार्वाभक्षी गाम्बुजिया मछली भी डलवा दी गई है जोकि पानी मे पल रहे मच्छर के लार्वा को खा जाती है और इसके साथ में जो तालाब व नाले गंदे है उनकी सफाई नगर परिषद द्वारा करवाई जा रही है। जिले मे डेंगू संभावित क्षेत्रो की सूची तैयार कर ली गई है, जिनमें स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा एंटी लार्वा संबंधित जरूरी एक्टिविटीज करवाई जा रही हैं। सोलड़ा ब्लॉक के मलेरिया प्रभावित गांव में मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी बांट दी गई है। अब हथीन व होडल ब्लॉक के मलेरिया प्रभावित गांवो मे मच्छरदानी बांटने का कार्य चल रहा है और साथ-साथ स्प्रे का कार्य भी चल रहा है। मच्छर के लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमिफोस व काला तेल रुके हुए पानी मे डलवाया जा रहा है, जिससे मच्छरों की वृद्धि में रोक लग सके और साथ में सभी बुखार से पीडि़त मरीजों की जांच एम.पी.एच.डब्ल्यू.(मेल) व आशा वर्कर द्वारा मुफ्त में की जा रही है तथा अगर किसी को मलेरिया का बुखार पाया जाता है तो तुरंत 14 दिन का ईलाज किया जा रहा है। इस कार्य मे गांव के सभी पंच- सरपंच बढ़-चढक़र अपना योगदान देने की अपील की गई थी, जिसके मुताबिक वह भी अपना सहयोग कर रहे है।