विश्वविद्यालय से वर्ष 2030 तक हर वर्ष 12000 स्किल्ड युवा होंगे तैयार : मनोहर लाल
पलवल, 18 नवम्बर (गुरूदत्त गर्ग)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ कौशल में निपुण बनाने के लिए स्थापित देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित हो रहा है, क्योंकि कौशल ही देश, समाज और राष्ट्र को आगे बढ़ा सकता है। मुख्यमंत्री गुरुवार को पलवल में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के तृतीय स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों की प्रगति को लेकर भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि समय की मांग के अनुरूप युवाओं को कौशल से जुड़ी शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस विजन के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी, उसमें यह विश्वविद्यालय पूरी तरह सफल हुआ है। राज्य सरकार युवाओं को कौशल में निपुण बनाने में सफल हुई है। विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से कौशल प्राप्त कर रहे हैं और रोजगार योग्य बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई और हुनर में अंतर समझने की आवश्यकता है। कौशल ही देश, समाज और राष्ट्र को आगे बढ़ा सकता है।
मनोहर लाल ने कहा कि विश्वविद्यालय से वर्ष 2030 तक हर वर्ष 12000 स्किल युवा तैयार होंगे। वर्तमान में हर वर्ष 4000 स्किल युवाओं को विश्वविद्यालय में कौशल प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक इंडस्ट्री कौशल से संबंधित कोर्स शुरू करे और इस विश्वविद्यालय से एफिलिएशन करे, ताकि विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उद्योग समेकित ‘अर्न-व्हाइल लर्न’ मॉडल के साथ काम कर रहा है, जो विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ-साथ कमाई का अवसर उपलब्ध करवाता है। यह विद्यार्थियों को वास्तविक रोजगार की दुनिया से रु-ब-रु करवाकर उन्हें अनुभव प्रदान करता है, ताकि भविष्य में उन्हें बेहतर रोजगार मिल सके।
कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वह कौशल के क्षेत्र में कुछ नए नवाचार का निर्माण करें और खुद को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय का निर्माण सरकार ने विद्यार्थियों में ज्यादा से ज्यादा कौशल प्रदान करने के लिए किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा उद्योगों के कर्मचारियों के लिए कस्टमाइज कार्यक्रम बनाने और अपने उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से कौशल उन्नयन कार्यक्रम संचालित करने की संभावना तलाशने के लिए मारुति इंडिया लिमिटेड, रिलायंस, हेल्थियंस, आनंद ग्रुप के साथ एमओयू किए जा रहे हैं।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा व अन्य गणमान्य लोगों ने विश्वविद्यालय में निर्मित मंदिर में मूर्ति की स्थापना की। इस दौरान विशिष्ठ अतिथि विधायक नयनपाल रावत ने कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री एवं उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने स्थापना के इतने कम समय में विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं।

द्वितीय विश्वकर्मा राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार किये प्रदान
स्थापना दिवस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने द्वितीय विश्वकर्मा राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार विजेताओं को प्रदान किये। इसके तहत डेढ़ लाख रुपये की नकद इनाम राशि भेंट की गई। यह पुरस्कार जमना ऑटो इंडस्ट्रीज को मिला। साथ ही हीरो मोटोकॉर्प को औद्योगिक श्रेणी में स्वर्ण पुरस्कार तथा इसी श्रेणी में लोटस पेटल चैरिटेबल फाउंडेशन को रजत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। औद्योगिक सहयोगियों के रूप में एसकेएच इंडस्ट्रीज, बुल्सआई इम्पैक्स, बीकानेरवाला, इलेफि इंडस्ट्रीज को सम्मानित किया गया। कोविड-19 की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षकों को भी पुरस्कृत किया गया। इनमें प्रो. ऋषिपाल, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. निर्मल सिंह, डॉ. राज आंतिल, विनय सैनी, डॉ. मोहित शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने रखी खेड़ी देवत व कुलदेवी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के तीसरे स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विश्वविद्यालय परिसर में खेड़ी देवत व कुलदेवी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा रखी। उन्होंने पूर्ण विधि-विधान के साथ हवन-यज्ञ करते हुए आरती की। माता की आराधना कर उन्होंने कुलदेवी का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के बनने से इस क्षेत्र के युवाओं को निश्चित ही लाभ मिलेगा। हजारों युवक कौशल विकास के माध्यम से अपना जीवन यापन करने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ कला अथवा हुनर होना जरूरी है, ताकि अपने जीवन यापन के लिए सरल तरीके से रोजगार प्राप्त कर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भर तभी बन सकता है, जब युवा शक्ति कौशल विकास के माध्यम से अपने आप को रोजगार लेने की अपेक्षा देने का कार्य करें।