पलवल: कोरोना वायरस के चलते सरकार की ओर से गरीबों की हर सम्भव मदद की जा रही है लेकिन लाभार्थियों को इसकी जानकारी नही होने से कोई भी गरीब इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अब जिले के रेहड़ी और फड़ लगाने वालों को भी बैंक से आसानी से लोन मिल सकेगा। लोन देने की तैयारी नगर परिषद कार्यालय में बैठे राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अधिकारियों ने शुरू कर दी है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के प्रोग्राम अधिकारी एलआर शर्मा ने बताया की लॉक डाउन के बाद जिले के शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी और फड़ लगाकर फल- सब्जी बेचने वालों का रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज से सर्वे कराया गया था जिसके आधार पर पलवल में 978 तथा होडल में 238 लोगों की सूची बनाई गई जो रेहड़ी आदि लगाकर अपनी आजीविका चला रहे हैं लेकिन कम पूंजी होने के कारण बाहरी लोगों से महंगे ब्याज की मार उनके ऊपर पड़ती है जिसे हल्का करने के लिए ही सरकार ने यह योजना बनाई है | हथीन में सर्वे का काम भी पूरा नही हुआ है वहां पर भी जल्द सर्वे का कम पूरा कर जरूरत मंद लोगों को कर्ज दिलाया जाएगा |

उन्होंने बताया की सरकार इस योजना के तहत गरीबों को ब्याज पर सात प्रतिशत की सब्सीडी प्रदान करेगी बशर्ते वह कर्जे की किश्तों की अदायगी सही समय पर करेंगे | सात प्रतिशत सब्सीडी के लोन देने के लिए रेहड़ी-फड़ी वालों के सर्वे के लिए टीम लगा दी गई है। टीम मौजूदा जगह पर जाकर इनकी यथास्थिति देखेगी। टीम यह जानेगी कि वास्तव में वह रेहड़ी-फड़ी वाला है या किसी और के नाम से रजिस्ट्रेशन तो नहीं। इसके लिए रुद्राभिषेक कंपनी सर्वे में सहयोग कर रही है। कंपनी के सुपरवाइजर अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को देंगे। उसके बाद ही लोन मिलेगा।
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10 हजार से दो लाख तक का मिलेगा लोन :
योजना के तहत पात्र लोगों को लोन दिया जाएगा। इसमें ब्याज पर सात परसेंट की सब्सिडी होगी। शुरू में किसी भी लोनी को केवल दस हजार मिलेंगे। अगर यह लोन रेहड़ी-फड़ वाले चुका देते हैं तो दूसरी बार 20, तीसरी बार 40 और पांचवी बार 50 हजार तक का लोन ले सकते हैं। इसके बाद अन्य शर्तों के अनुसार दो लाख तक लोन मिल सकता है। यह लोन नगर परिषद की ओर से बैंकों के माध्यम से दिलवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते इन रेहड़ी-फड़ी वालों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया था। अब सरकार ने सभी रेहड़ी-फड़ वालों की आर्थिक सहायता प्रदान सुविधा शुरू की है। लोन लेकर वे अपना कारोबार बढ़ा सकते हैं। इन रेहड़ी-फड़ी वालों को नगर परिषद की ओर से पहचान-पत्र भी मिलेंगे।