पलवल, (आवाज केसरी) पलवल में इंडियन नेशनल लोकदल के जिला कार्यालय पर स्वर्गीय चौधरी ताऊ देवीलाल की 107 वी जयंती मनाई गई। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने ताऊ देवी की यादों से जुड़े अपने अपने संस्मरण सुना कर ताऊ देवीलाल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा से पूर्व स्वर्गीय चौधरी ताऊ देवीलाल पार्क में जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
इंडियन नेशनल लोक दल के जिला प्रधान बॉबी एवं शहरी प्रधान अशोक शर्मा के नेतृत्व में पार्टी के जिला कार्यालय पर ताऊ देवीलाल 107 वी जयंती पूरी श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह चौहान, आशा लांबा, रतन सिंह सोरौत तथा विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले सतपाल सिंह देशवाल, वेद पहलवान ,किरण सिंह आदि विशेष रूप से उपस्थित हुए। स्वर्गीय चौधरी ताऊ देवीलाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कार्यकर्ताओं ने चौधरी देवीलाल से जुड़े हुए अपने जीवन काल के संस्मरण और उनकी कार्यशैली पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।
गत विधानसभा चुनाव में इनेलो पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले युवा नेता सतपाल देशवाल ने अपनी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि में स्वर्गीय चौधरी ताऊ देवीलाल को एक महान पुरुष बताया और कहा कि गरीब और किसानों का ऐसा हमदर्द और त्यागी नेता आजतक ना तो हुआ यही और ना ही होगा और ना कोई है। उन्होंने कहा कि आजकल तो ऐसे- ऐसे नेता हो गए है जो कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते है , भाई भाई की हत्या कराने पर तुले हैं । ताऊ देवीलाल के नेतृत्व में पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता ने ताऊ देवीलाल के 1987 के दौरान अपनी पहली मुलाकात के संस्मरण सुनाएं जिसका अनुभव उन्हें जेल मैं रहने के दौरान हुआ जब स्वर्गीय चौधरी देवीलाल मुख्यमंत्री रहते हुए जेल का दौरा करने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि जेल में रहने के दौरान वहां का एक हवलदार कैदियों से अपने कपड़े धुलवाता था , एक कैदी द्वारा इसकी शिकायत चौधरी देवीलाल से करने पर चौधरी देवीलाल ने वहीं पर कैदियों के झूठे बर्तन मंगवा कर उस हवलदार से सभी के सामने झूठे बर्तनों की सफाई करवाई थी। और एक फोतो खिंचवाकर उसका एक फोटो सुपरिटेंडेंट के रूम में लगवाने के आदेश दिए थे, ताकि दूसरे हवलदार उस चित्र को देखकर कैदियों के साथ सख्ती ना कर सकें । उन्होंने कहा कि उस समय मैंने भी चौधरी देवीलाल से शिकायत की थी कि यहां पर जब कैदियों की गिनती होती है तो जेल वार्डन डंडे से कैदियों की गिनती करते हैं इस पर उन्होंने जेल के अंदर जेल सुपरिंटेंडेंट को भी जेल के अंदर डंडा लेकर जाने पर पाबंदी लगा दी थी, जो आज तक भी लागू है।