पलवल 5 जुलाई (आवाज केसरी)। बाबा मोहन राम के परम भक्त आचार्य विजय कुमार गौड़(M. A., L.L.B.) ने आज से 27 वर्ष पूर्व बल्लभगढ़ की त्रिखा कॉलोनी में काली खोलीधाम मिलकपुर से प्रज्वलित ज्योति लाकर दिव्य अखंड ज्योत खडी (प्रज्वलित) की थी| जिसे 3 वर्ष बाद पलवल के रसूलपुर रोड स्थित सैनी नगर के बाबा मोहनराम के मंदिर में स्थापित कर दिया गया था। जहां पर नित्य सैकड़ों भक्तों की भीड़ बाबा मोहन राम की दिव्य ज्योति के दर्शन करने के लिए जुटती थी। प्रत्येक रविवार श्री विष्णु महायज्ञ का आयोजन होता था । इसके साथ ही साथ शुक्ल पक्ष की प्रत्येक एकादशी को रात में श्री हरि कीर्तन होता था जिसमें काली खोली वाले बाबा मोहन राम के मीरासीयों के द्वारा बाबा मोहन राम का गुणगान होता है । जो अभी भी निर्बाध रूप से चल रहा है।
आचार्य विजय कुमार गौड़ ने रसूलपुर रोड स्थित सैनी नगर से इस दिव्य ज्योति एवं मन्दिर को बीस करीब 20 वर्ष पहले पलवल के हुड्डा सेक्टर 2 में मकान नम्बर 464 में स्थापित कर दिया था। यहां पर भी नित्य भक्तों की भीड़ जुटती है। बाबा मोहन राम के मंदिर एवं दिव्य अखंड ज्योतियों के यहां पर स्थापित होने के बाद पहले की तरह प्रत्येक रविवार को यहां पर श्री विष्णु महायज्ञ होता है। शुक्ल पक्ष की प्रत्येक एकादशी को यहां पर भी बाबा मोहन राम जी के अखंड कीर्तन के साथ जागरण भी जारी है। लेकिन यहां पर स्थान की कमी होने के कारण अब केवल अपने शिष्य परिवार के साथ बाबा मोहन राम का कीर्तन एवं जगराता होता है ।लेकिन अब पिछले 5 वर्षों से यहां पर श्री बाबा मोहन राम जी के नाम पर जलाई जा रही अखंड दिव्य ज्योति की संख्या बढ़ाकर दो कर दी गई है । अब पिछले 5 वर्षों से यहां पर दो दिव्य अखंड ज्योत जलाई जा रही है। यहां पर बनाए गए मंदिर में भक्तों के दर्शनों के लिए अखंड ज्योतियों के साथ -साथ बाबा मोहन राम जी की मूर्ति तथा श्री राधा कृष्ण जी की अनुपम सौंदर्य युक्त प्रतिमाएं स्थापित की हुई हैं ।साथ ही साथ शिव परिवार की भी यहां पर विशेष रूप से स्थापना की हुई है। जहां पर नित्य अखंड रूप से सुबह और शाम सेवा पूजा एवं अर्चना की जाती है।
यहां पर आने वाले भक्तों में श्याम पंडित तथा नरेंद्र उर्फ निप्पी ततारपुर ने बताया कि यहां आने वाले भक्तों की प्रत्येक मनोकामना बाबा मोहन राम की कृपा और गुरु जी आचार्य विजय कुमार गौड के आशीर्वाद से पूरी होती हैं। यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि जो कोई भक्त और सेवक यहां पर सच्चे मन से आता है और सच्चे मन से बाबा मोहन राम जी के दिव्य ज्योतियों के दर्शन करने के उपरांत गुरुजी से आशीर्वाद लेता है तो गुरुजी के मुंह से निकले वचनों के अनुसार भक्तों के बिगड़े से बिगड़े काम भी आसानी से बन जाते हैं। यहां पर पिछले 15 वर्षों से लगातार आ रहे बाबा मोहन राम के भक्त श्याम सिंह दयालपुर ने बताया कि जबसे उन्होंने यहां पर आना शुरू किया है तब से उनके जीवन में आने वाली समस्याएं खुद-ब-खुद बड़ी आसानी से सुलझ जाती हैं ।उन्हें कभी किसी तरह की कोई दिक्कत पिछले 15 वर्षों में नहीं आई है।यहां पर आने वाले सेवकों और भक्तों से बात करने पर मालूम हुआ की गुरु जी ने यहां पर वर्ष 2008 तथा वर्ष 2010 में दो बार श्रीमद्भागवत महापुराण का आयोजन भी कराया था|
प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिमा पर यहां पर से लेकर शाम तक अक्षय भंडारा लगाया जाता रहा है । लेकिन इस बार कोरोनावायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भंडारे का आयोजन नहीं किया गया|मन्दिर पर आने वाले भक्तों को यहां पर डिस्टेंस के साथ पूजा अर्चना और यज्ञ में भाग लेने की अनुमति दी गई है । मंदिर पर आने वाले भक्तों को विशेष हिदायत दी गई है कि वे अपने चेहरे पर मास्क लगाकर रखें तथा एक- दूसरे से दूरी बनाकर रखें। आचार्य विजय कुमार गॉड के शिष्य सत्यप्रकाश शास्त्री पन्हैरा वाले ने बताया कि पिछले 27 वर्षों से प्रत्येक गुरु पूर्णिमा पर अखंड रामायण पाठ का भी आयोजन किया जाता है । इस बार 28 वीं बार अखंड रामायण का पाठ यहां पर संपूर्ण हुआ है। इस बार रामायण पाठ में ज्यादा भक्तों को ना बुलाकर कर चुनिंदा सेवकों के द्वारा ही सोशल डिस्टेंस के साथ किया गया है। आज श्रीगुरु पूजा पूरी तरह सोशल डिस्टेंस के साथ कराई गई| मंदिर पर आने वाले प्रत्येक भक्त को पहले से विशेष हिदायत दी गई थी कि वह अपने चेहरे पर मास्क लगाकर आए तथा जैसे ही उनका मंदिर में प्रवेश होता है एक सेवक सभी आगंतुकों को हैंड सेनीटाइजर लेकर हाथों को शुद्ध करने का काम करता है । उसके बाद ही भक्तजन मंदिर के अंदर प्रवेश पाते हैं। श्री गुरु पूर्णिमा पर इस बार के आयोजन पर वो पहले वाली रौनक दिखाई नहीं दे रही है लेकिन यहां पर आने वाले भक्तों में अपने गुरु जी के दर्शन और पूजा करने के बाद परम संतुष्टि के भाव् जरूर दिखाइए दिए हैं।
सेविका संतोष गर्ग तथा लीलावती शर्मा ने बताया कि पहले जहां हजारों लोगों की भीड़ इस दिन यहां पर उमड़ती तब वे उसने सुकून और आराम के साथ पूजा और दर्शन नहीं कर पाते थे गुरु जी से भी केवल चरण स्पर्श और अभिवादन है बड़ी मुश्किल से हो पाता था लेकिन इस बार उन्होंने बड़े इत्मीनान के साथ पूजा अर्चना की है और उन्हें अपने गुरु जी के साथ बैठकर बातचीत करने का भी लाभ प्राप्त हुआ है । गुरुजी ने उन्हें सात्विक जीवन जीने की सलाह दी है। गुरुजी ने उन्हें बताया है कि वे बेकार के दिखावे से दूर रहकर परम तत्व को पहचान कर प्रत्येक जीव का यथोचित सम्मान करें । किसी भी प्राणी का गलती से भी निरादर ना करें।गुरुजी ने बताया कि प्रत्येक जीव के अंदर भगवान का अंश है इसलिए प्रत्येक जीव में परमपिता परमात्मा का वास जानकर व्यवहार करें। श्रीगुरु मन्त्र दिव्य मन्त्र है जिसका जितना अधिक् जाप हो सके- करते रहना चाहिए कलयुग में दैहिक-दैविक और भौतिक तापों से छुटकारा पाने के लिए गुरु का आशीर्वाद और गुरुमंत्र का जाप ही एकमात्र साधन है ||कर्ताभाव त्यागकर सेवक भाव से कार्य करने वाले पर इष्टदेव श्री राधा कृष्ण एवं बाबा मोहनराम हमेशाअपनी कृपा दृष्टि बनाकर रखते हैं |