पलवल, (आवाज केसरी) । गुरूग्राम सिंचाई विभाग के अधिक्षण अभियंता एवं बहीन निवासी डा. शिवसिंह रावत, आईआईटी दिल्ली एलुमिनी ने विद्या एप से विद्यार्थियों को मुफ्त में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विषय पर आयोजित वेबिनार में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की कोरोना जैसी महामारी के दौरान यदि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना है तो उनको डिजिटल माध्यम से उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना अनिवार्य है।
वेबीनार में पलवल जिले के शिक्षा अधिकारियों एवं अध्यापकों को संबोधित करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि साक्षरता रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा की कुल साक्षरता दर 76 प्रतिशत है, जिसमें महिलाओं की साक्षरता दर 66 प्रतिशत है। प्रदेश के कुछ ऐसे क्षेत्र है, जिनकी साक्षरता दर काफी कम है। पलवल जिले में कुल साक्षरता दर 69 प्रतिशत एवं मेवात में 54 प्रतिशत है। यदि इनमें महिलाओं की साक्षरता दर देखे तो क्रमश 50 एवं 37 प्रतिशत है, जोकि आज के आधुनिक भारत के लिए चिंता का विषय है। ऐसे क्षेत्रो के लोगो की पढाई धन के आभाव में रुके नहीं और गुणवत्तापूर्ण अध्ययन निरंतर चलता रहे, इसलिए विद्या एप को सरकारी स्कूलों मे चालू किया जा रहा है। इसके अलावा भी इस एप में ऐसे कोर्स शामिल किए गए हैं जो हमारे प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुडने में मदद करेंगे। जैसे इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स से युवा विभिन्न मल्टी नेशनल कंपनियों में अपने टैलेंट को प्रस्तुत कर सकेगा, नीट से अच्छे सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पा सकेंगे, एसएससी, बैंकिंग, एसएसबी जैसे कोर्स की मदद से प्रदेश के युवाओं की सरकारी नौकरी में भी भागेदारी बढ सकेगी।
डा. शिवसिंह रावत ने बताया कि यह एक छोटी सी पहल है जिसे आज पलवल जिले से शुरू किया गया है। इसके बाद इसे हरियाणा एवं फिर पूरे भारत वर्ष में चालू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारा उददेश्य देश मे गरीब वर्ग के बच्चो मे शिक्षा कि अलख जगाकर उनको आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे देश तरक्की कर सके। एप्प के संस्थापक गौरव गोयल ने ‘वेबिनार’ मे पलवल जिले के जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को एप के संचालन के बारे में विस्तार से बताया की सरकारी स्कूलों में छठी से बारहवी कक्षा में पढने वाले विद्यार्थी प्ले स्टोर से एप को डाउनलोड कर सकते हैं एवं पंजीकरण करने के बाद अपनी कक्षा के किसी भी विषय का चैप्टर का कोई भी टॉपिक और चैप्टर पर एक्सपर्ट विशेषज्ञों को वीडियो और पाठ्यसामग्री पा सकेंगे।
वीडियो देखने के बाद बच्चो को टेस्ट भी देना होगा. टेस्ट देने के बाद नंबर भी मिलेंगे। इससे यह पता चलेगा कि बच्चो को वह टॉपिक कितना समझ आया। वीडियो सुनने के बाद अगर बच्चो को दिक्कत आती है या टॉपिक समझ नहीं आता तो वह कमेंट में अपनी परेशानी को लिख सकता है। आप से उस दिक्कत को दूर किया जाएगा। जो बच्चे टेस्ट मे अच्छा प्रदर्शन करेंगे उन्हें वजीफा दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा। वेबिनार मे नींव संस्था के संस्थापक डॉ. उपदेश वर्मा ने भी विस्तार से नींव एवं विद्या एप की गतिविधियों के बारे मे अवगत कराया। वेबीनार में जिले शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल और बीईओ यशपाल गर्ग ने भी अपने विचार प्रकट किए एवं कुछ सुझाव दिए।