पलवल
हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ बघोला में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें विद्यापीठ बघोला में शिक्षक के रूप में शास्त्री आचार्य को तैयार कर समाज के लिए संस्कृति संस्कार और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक के रूप में तैयार किए हैं उन गुरुओं का सम्मान किया गया सम्मान करने में विद्यापीठ बाघोला से पूर्व स्नातकों ने की है। वक्तव्य में डॉ खेमराज बराल और डॉ सतीश चंद्र शर्मा, डॉ भागीरथी नंदा, डॉ उषा पंडित प्रभारी प्राचार्य डॉ पशुपतिनाथ मिश्र सभी ने मुक्त कंठ से कहा हमें आज पता लग गया है कि हमने क्या कमाया है जिन विद्यार्थियों को हमने पढ़ाया है हम समझते हैं कि धार्मिक,आध्यात्मिक और संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं वह सभी विद्यार्थी गुरु ऋण से उऋण हो गए हैं। जो समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मानवता को बचाना है तो संस्कृत को बचाना होगा।

डॉ भागीरथी नंदा ने कहा संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए पुस्तक और मासिक पत्रिकाओं का विद्यापीठ के नाम लिखनी चाहिए। श्री नंदकिशोर शास्त्री ने कहा यह संस्कृत विद्यापीठ सबसे पहले अलावलपुर, पलवल के जंभेश्वर मंदिर और बाद में बघोला के मंदिर में चलाई जाती थी बाद में इसका यहां नामकरण किया गया इस कार्यक्रम में डॉ,पशुपतिनाथ मिश्रा, भागीरथी नंदा, डॉ सतीश चंद्र शर्मा, श्री नंदकिशोर शास्त्री, उदय राम शास्त्री, उषा पंडित, खेमराज बराल, डॉ राजकुमार मिश्र, राधा वल्लभ शर्मा, छोटूराम मिश्र, मदन शर्मा आदि गुरुओं को सम्मानित किया गया कार्यक्रम के संयोजक हरिओम शास्त्री उनके साथ के रहे सभी शास्त्री ने मिलकर यह कार्यक्रम किया