पलवल। डीएवी विद्यालय पलवल में सुबह स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम यज्ञ किया गया, जिसके ब्रह्मा आचार्य देशराज शुक्ल थे तथा यजमान विद्यालय की प्राचार्या अलका मेहता थी। इसके बाद स्वामी श्रद्धानन्द से सम्बन्धित भजन ‘‘गोलियाँ सीने पे खाकर चल दिए, प्यास कातिल की बुझाकर चल दिए‘‘ गीत ओमप्रकाश शास्त्री ने सुनाया तथा विद्यालय के संगीत अध्यापक कुमार नीरज ने ईश्वर भक्ति का गीत प्रस्तुत किया। संतोष कुमार पॉल ने तबला पर संगति की। जिसमें सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया। आचार्य देशराज शास्त्री ने बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द की जितनी प्रशंसा की जाए उतना ही कम है। स्वामी जी ने विद्या के प्रचार के लिए जगह-जगह गुरूकुल खोले। कन्याओं की शिक्षा की पाठशाला जालन्धर में खोली। अछूतों के उद्धार के लिए शुद्धि आन्दोलन चलाया। अपना पूरा जीवन त्याग और तपस्या के साथ बिताया। हिन्दी प्रचार प्रासार के लिए अपन प्रेस छापाखाना अंग्रेजी की जगह हिन्दी में करके हिन्दी साहित्य का प्रचार किया। नारी शिक्षा को सशक्त बनाने कि लिए उन्होंने बताया कि हर नारी को शिक्षित होना अति आवश्यक है। अन्त में विद्यालय की प्राचार्या अलका मेहता ने बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द का जन्म फाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी संवत् 1913 विक्रमी (सन् 1856 ई0 ) को जिला जालन्धर के तलवन ग्राम में हुआ। कुल पुरोहित ने राशि देखकर इनका नाम बृहस्पति रखा, पर इनका घर का नाम मुंशीराम था। यही बाद में स्वामी श्रद्धानन्द के नाम से प्रसिद्ध हुए। उन्होंने समय-समय पर सामाजिक कार्यों में बढ चढकर भाग लिया। जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद स्वामी जी ने पीडितो की सहायता के लिए सेवा समिति की स्थापना की। इस अवसर पर नीलम अरोडा, प्रभुदयाल, संजय शर्मा, ज्योति आर्या, सुदेश शर्मा, कीर्ति, मनोज सुमन, उषा रावत, ज्योति भटेजा, सुनील लाकडा, इन्द्रजीत कौर, सुचेता इत्यादि लोग मुख्य रूप से मौजूद रहें।
डीएवी पब्लिक स्कूल में मनाया स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस
[the_ad id='25870']