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देश के किसान नहीं मानेगे सुप्रीम कोर्ट के आदेश: स्वामी श्रद्धानन्द

स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती सन्यासी किसान नेता

 सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी में केंद्र के एजेंट: रतन सिंह सौरौत

सुप्रीम कोर्ट के जज हैं सरकार के नौकर-किसान हैं सुप्रीम: बीर सिंह देशवाल

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 पलवल 13 जनवरी(हि.स.)  पलवल में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर पिछले 40 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने आज लोहड़ी के दिन तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी से इत्तेफाक न रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फैसले को मानने से इनकार किया है।    पलवल में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि संशोधन कानून के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। किसानों ने धरना स्थल पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार तीनों कृषि कानूनों की सामूहिक रूप से प्रतियां जलाई, इस अवसर पर किसान नेता रत्न सिंह सौरौत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिना किसी किसान संगठन के आग्रह के समाधान के लिए जो 4 सदस्यों की समिति बनाई है वह किसान संगठनों को मान्य नहीं है क्योंकि चारों सदस्य केंद्र सरकार के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए हैं, चारों सदस्य केंद्र सरकार के एजेंट हैं जो पहले से ही कृषि कानूनों के पक्ष में अपने लेख और वक्तव्य देते रहे हैं। इसलिए उनके ऊपर विस्वास नहीं किया जा सकता । 

किसान नेता कृषि कानूनों की प्रतियाँ जलाते हुए


 किसान नेताओं का यहां साफ-साफ कहना है कि आने वाले समय में यदि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कोई फैसला किसानों के खिलाफ लिया जाता है तो किसान सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानेंगे। किसान नेता बीरसिंह देशवाल , सन्यासी किसान नेता स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती तथा  किसान नेता रतन सिंह सोरौत सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा अवमानना तो केंद्र सरकार के द्वारा अब भी हो ही रही है। इसलिए अब कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मजदूर-किसान नहीं मानेगा। इस अवसर पर बावन पाल के मुखिया अरुण जेलदार ,प्रेमचंद दलाल, राजेश रावत, हरिचंद शाश्त्री आदि ने भी अपने विचार रखे ।

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