पलवल, 25 फरवरी, (विनोद शर्मा) । गोस्वामी गणेशदत्त सनातन धर्म काॅलेज, पलवल के संस्कृत विभाग के तत्वावधान में श्रीमद्भगवद्गीतायां मानसिक समस्यानां समाधानं विशय पर कार्यशाला तथा विद्यार्थियों के द्वारा सूक्ति लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डाॅ. जीके सपरा ने की। उन्होने श्रीमद्भगवद्गीता को वर्तमान सभी की मानसिक स्थिति के संतुलन को बनाए रखने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त बताते हुए सभी द्वारा इसके अध्ययन व परिशीलन को आवश्यक बताया। आन्तरिक गुणवत्ता विश्वस्तता प्रकोष्ठ के प्रभारी डाॅ. प्रवीण वर्मा ने अपने वक्तव्य में कोरोना महामारी के चलते जो मानसिक असन्तुलन की स्थिति बनी है, उनके निस्तारण के लिए श्रीमद्भगवद्गीता को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया।
संस्कृत विभागाध्यक्षा डाॅ. रेनू रानी शर्मा ने विशय की भूमिका के साथ-साथ विषय की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता को श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी ज्ञानेन्द्रियों, कर्मन्द्रियों व मन को संयमित रखते हुए अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए फल की इच्छा न रखते हुए ईस्वर अर्पण बुद्धि से कर्मशील रहना चाहिये।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डाॅ. सुचित्रा भारती ने विषय पर विस्तृत व्याख्यान पीपीटी के माध्यम से देते हुए सारगर्भित विवरण प्रस्तुत करते हुए मानसिक समस्याओं के विशय में बताते हुए उनका समाधान भी बताया। अंत में डाॅ. मंजुला बत्रा ने श्रीमद्भगवद्गीता को भगवान का गीत बताते हुए समस्त विश्व में सबसे बड़ी कविता बताते हुए उसे भारत की सर्वोच्च धरोहर बताते हुए आए हुए अतिथि का तथा इतने उत्तम विषय को लेकर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। रसायन विभाग की प्रवक्ता डाॅ. रुचि ने मधुर वचनों में बहुत कुशलता पूर्वक मंच का संचालन किया।
इस अवसर पर प्रतिभा सिंगला, डाॅ. मंजुला बत्रा, डाॅ. प्रवीण वर्मा, डाॅ. एनके गोयल, डाॅ. अंजू, डाॅ. जितेन्द्र कुमार, डाॅ. रमन सैनी, डाॅ. मीना कुमारी, डाॅ. वनिता सपरा, डाॅ. मनीषा अग्रवाल आदि ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया तथा सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल भी बनाया। प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कालड़ा, मनोज मंगला उपाध्यक्ष, बंशीघर मुखीजा सचिव व नीलेश मंगला, कोषाध्यक्ष ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर आयोजकों को बधाई दी।