पलवल, 21 जुलाई (आवाज केसरी) यूँ तो पलवल शहर में चारों तरफ गंदगी का अंबार है लेकिन बारिश का मौसम शुरू होने के बावजूद यहाँ से तमाम नाले गंदगी से अटे पड़े हुए हैं। जन स्वास्थ्य विभाग तथा नगर परिषद के द्वारा नालों में से जहां-तहां से निकाली गई गंदगी को जेसीबी से निकलकर नालों के किनारे छोड़ दिया जाता है। जिससे बच्चा हो या बूढ़ा सभी लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। नालों में रुकावट के कारण कॉलोनियों के घरों में पानी भर जाता है। कहा जाए तो पलवल जिला प्रशासन लगता है आंख मूंदकर सोया हुआ है। तभी तो चारों तरफ गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है। शहर के अंदर तमाम नाले गंदगी से अटे पड़े हुए हैं। जिनमें ढेरों गंदगी भरी पड़ी हुई सड रही है । जिस से बरसात का पानी निकलने के बजाय नाले से वापस जाकर घरों में भर जाता है। जिसके कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। जिला उपायुक्त की मानें तो अब तो लगता है नालों की सफाई अगले वर्ष ही हो पाएगी ।

दिखाई दे रहा नजारा पलवल आर्य नगर और मोती कॉलोनी का है जहां पर एक तरफ तो नाले गंदगी से अटे पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं और दूसरी तरफ नालों में से निकाली गई है गंदगी नालों के किनारे पड़ी हुई सड़ रही है। जो बारिश होने पर वापस नालों में भी चली जाती है। पानी लोगों का कहना है कि नाले गंदगी से भरे पड़े हुए होने के कारण बरसात होने पर नाले का पानी बैक मारकर घरों में भर जाता है। और तमाम रास्ते बंद हो जाते हैं। एक तरफ तो कोरोना का कहर है और दूसरी तरफ गंदगी और बदबू के कारण लोगों में बीमारियां फैल रही है।

आर्य नगर मोती कॉलोनी में व्याप्त गंदगी के के बारे में जब वार्ड पार्षद मोहित गोयल से पूछा गया तो मोहित ने बताया कि लगातार बरसात का मौसम होने के कारण नालों में से निकाली गई गंदगी को उठाया नहीं जा सका है। लेकिन अब कल सुबह दिन निकलते ही इस गंदगी को उठा लिया जाएगा । वही जब नालों में भरी पड़ी हुई गंदगी के बारे में पूछा तो गोयल ने बताया कि नाले जनस्वास्थ्य विभाग के हैं जिनमें सफाई का काम नगर परिषद के द्वारा कराया जाता है लेकिन नालों की सफाई के लिए टेंडर समय पर नहीं होने के कारण इनकी सफाई नहीं कराई जा सकी । अभी हाल ही में आई बरसात में कॉलोनियों में पानी भर जाने के कारण नाले के ज्वाइंट को खुलवाया गया था। जिसके बाद उनमें से जो गंदगी निकली थी उसे नाले के किनारे इसलिए छोड़ दिया गया था कि निकाला गया कूड़ा – कचरा गीला था। लेकिन उसके बाद लगातार बारिश होते रहने के कारण से उठाया नहीं जा सका है। कल उसे उठवा दिया जाएगा।

गौरतलब है कि तमाम शहरों में चाहे वह नगर पालिका हो नगर परिषद हो या नगर निगम हो बरसात का मौसम आने से महीनों पहले से ही तमाम नालों की और नालियों की सफाई का काम शुरू कर दिया जाता है । इसके लिए पर्याप्त बजट भी तमाम नगर परिषद पालिका और नगर निगमों को दिया जाता है। लेकिन अधिकारियों की सोची समझी रणनीति के कारण सफाई के काम के लिए दिए जाने बजट को सही मायने में खर्च ना करके कागजों में खर्च दिखा दिया जाता है । जिसके कारण लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

वहीं जब इस संबंध में जिला उपायुक्त नरेश नरवाल से सवाल पूछा गया तो जिला उपायुक्त ने कहा कि जन स्वास्थ्य विभाग ने तमाम नालों की खूब सफाई करवाई है लेकिन यदि कहीं कोई कमी रह गई है तो अगली बार उस कमी को पहले ही दुरुस्त करा दिया जाएगा। मतलब साफ़ है इस बार तो लोगों को इसी बदबू और गंदगी में अपना समय गुजारना पड़ेगा अगले वर्ष मानसून पूर्व चलाए जाने वाले सफाई अभियान में इस बार रह गई कमी को दुरुस्त करा दिया जाएगा।