चंड़ीगढ़, (आवाज केसरी) । फरीदाबाद जिले के गांव झाडसेतली में श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ । कथा व्यास श्री वासुदेव कृष्ण जी महाराज के सान्निाध्य में बैंडबाजों के साथ भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ पर मंत्रोच्चार के बीच भागवत जी की पूजा-अर्चना की गई।
शोभायात्रा में महिलाएं व कन्याएं सिर पर मंगल कलश धारण किए चल रही थी। शोभायात्रा में चल रहे बड़ी संख्या में श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों पर नाचते-गाते निकले। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। शोभायात्रा ग्राम के विभिन्ना मार्गों से होते हुए आयोजन स्थल पहुंची ।
कौशिक परिवार की ओर से भागवत कथा सिर पर धारण की गई। इसके बाद आयोजक परिवार की ओर से विधिवत पूजा-अर्चना की गई। कथा के प्रथम दिन श्री वासुदेव कृष्ण जी महाराज ने भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए भागवत कथा का महत्व समझाया। महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा से ही जीव का कल्याण है। जहां भागवत कथा का गुणगान होता है वहां प्रभु खुद दर्शन देते हैं। श्रीमद् भागवत कथा हमें भगवान श्री कृष्ण ने विश्व कल्याण के लिए जो संदेश दिया है उसकी आज समाज को जरूरत है। हमें हमेशा प्रभु सिमरन के साथ जोड़कर जीवन व्यतीत करना चाहिए। युवा पीढ़ी को श्रीमद्भागवत कथा के साथ जोड़ना चाहिए तभी मजबूत समाज की स्थापना होगी।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है। श्रीमद् भागवत के श्रवण से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया है। श्रीमद् भागवत कथा के दशम स्कंध के पांच अध्यायों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया है। अगर मनुष्य भगवान श्रीकृष्ण की इन लीलाओं का श्रवण कर ले तो निश्चित ही मनुष्य को उसके द्वारा किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और इस भव सागर से सहज ही पार हो सकता है। अंत में आयोजकों द्वारा श्रीमद् भागवत जी की आरती उतारी गई ।