चंड़ीगढ़, (आवाज केसरी) । प्रदेश में हुए सीरो सर्वे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा खुलासा किया है। सूबे में 20 लाख 28 हजार 117 लोगों का सीरो सर्वे करवाया गया। जिसमें से 7.32 प्रतिशत लोगों को कोरोना होकर ठीक भी हो गया और उन्हें पता ही नहीं चला। न तो वे अपना टेस्ट करवाने गए और न ही इन लोगों ने किसी तरह की दवा का सेवन किया।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अब अपनी अग्रिम कार्रवाई का आधार इस सर्वे की रिपोर्ट को बनाएगा। जिसकी मदद से करोनो से भविष्य में लड़ने में विभाग को काफी सहायता मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के एक एक मरीज को बचाना हमारा धर्म है और हम ऐसा करेंगे।
विज ने बताया कि जो लोग पॉजिटिव आए हैं और उनमें एंटीबाडी बनी है, उनकी संख्या 0.28 प्रतिशत है। शहरों के लोग गांव से ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ऐसा माना जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की प्रतिरोधक क्षमता शहरों के बजाए अधिक है। शहरी क्षेत्रों में जहां 9.6 प्रतिशत लोग प्रभावित हुए हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 6.9 प्रतिशत प्रभावित हुए हैं।
दिल्ली के साथ लगते जिलों में इसका प्रभाव अधिक रहा है। यह एक अलग रिसर्च का विषय है। ऐसा इसलिए भी संभव हो सकता है कि यह घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं और देश भर में पलायन के दौरान यहां से आवागमन भी अधिक हुआ।
विज ने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों में राज्य की औसत 8 प्रतिशत से कम सेरो-सकारात्मकता पाई गई है। इनमें पानीपत में 7.4 प्रतिशत, पलवल में 7.4 प्रतिशत, पंचकूला 6.5 में प्रतिशत, झज्जर 5.9 प्रतिशत, अंबाला में 5.2 प्रतिशत, रेवाड़ी 4.9 प्रतिशत, सिरसा 3.6 प्रतिशत, हिसार 3.4 प्रतिशत, फतेहाबाद 3.3 प्रतिशत, भिवानी 3.2 प्रतिशत, महेंद्रगढ़ 2.8 प्रतिशत, कैथल 1.7 प्रतिशत तथा रोहतक में 1.1 प्रतिशत रहा है।
इसके अलावा एनसीआर जिलों में कोरोना का प्रभाव ज्यादा दिखाई दिया, जोकि 25.8 फीसदी रहा है। इनमें शहरी क्षेत्रो में 31.1 प्रतिशत और ग्रामीण में 22.2 प्रतिशत पाया है। फरीदाबाद में 25.8 प्रतिशत, नूंह में 20.3 प्रतिशत, सोनीपत में 13.3 प्रतिशत, गुरुग्राम में 10.8 प्रतिशत रहा है। इसी प्रकार करनाल में 12.2 प्रतिशत, जींद 11 प्रतिशत, कुरुक्षेत्र 8.7 प्रतिशत, चरखी दादरी 8.3 प्रतिशत और यमुनानगर 8.3 प्रतिशत रहा।
हमारी तत्परता और उपलब्धि है
अनिल विज ने बताया कि सीरो टेस्ट में आठ प्रतिशत लोग पॉजिटिव आए हैं। जिसमें से साढ़े सात प्रतिशत को कोरोनो होकर ठीक भी हो गया। यह हमारी तत्परता का नतीजा है कि आठ प्रतिशत ही पॉजिटिव आए। अन्य राज्यों में यह प्रतिशत हमसे ज्यादा है।