Home शिक्षा सात माह बाद स्कूलों के खुले ताले : फिर हुए गुलजार

सात माह बाद स्कूलों के खुले ताले : फिर हुए गुलजार

 

पलवल,15 अक्टूबर (आवाज केसरी) विश्वव्यापी महामारी के चलते करीब 7 महीने तक स्कूलों में लटके रहे ताले खुलने पर अध्यापकों ने और बच्चों ने काफी खुशी जाहिर की है। इन सभी का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज” क्लास रूम का स्थान नहीं ले सकती हैं। हालांकि टेक्नोलॉजी ने राष्ट्रीय आपदा के समयमें बहुत मदद की है जिससे कि बच्चों के लिए की बच्चों की लर्निंग नहीं छूटी।

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एसपीएस इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा का दृश्य

    अनलॉक 5 की गाइड लाइन जारी होने के बाद  प्रदेश सरकार ने  कक्षा 9 से लेकर 12 तक  के बच्चों की स्कूलों में जाकर पढ़ाई करने की इजाजत दे दी है। पहले दिन जब हमने पलवल हुडा सेक्टर 2 स्थित निजी स्कूल एसपीएस इंटरनेशनल में जाकर स्कूल का जायजा लिया तो यहां पर बच्चे और टीचर पूरे मनोयोग से पढ़ते और पढ़ाते दिखाई दिए । अध्यापकों ने माना कि ऑनलाइन क्लासेज ,क्लास रुम  का स्थान कदापि नहीं ले सकते हैं। क्लास रूम में आने के बाद अध्यापक और बच्चों के कनेक्टिविटी  बढ़ती है जिससे बच्चों को पढ़ाई करने में आसानी और सुविधा महसूस होती है ।

कोविड के चलते शारीरिक दूरी के साथ पढ़ाई करते हुए छात्र- छात्राएं

     बच्चों तथा अध्यापको से बातचीत में सामने आया की ऑनलाइन क्लास लेने  के दौरान अधिकांश बच्चों के साथ नेटवर्क की प्रॉब्लम रही है। वहीं अधिकांश  पेरेंट्स के लिए बच्चों के लिए अलग-अलग मोबाइल खरीद कर देने की बड़ी समस्या रही है। बच्चे घर पर रहते हुए काफी सुस्त और आलसी भी हो रहे थे । आज वीरवार जब बच्चे स्कूल में आए तो पहले दिन पढ़ाई करते हुए उन्होंने अपने आपको बंधनमुक्त और खुश महसूस किया है।  जिससे उन्होंने पढ़ाई करने में भी अपने अच्छी रुचि दिखाई है। छह-सात महीने के अंतराल पर स्कूल खोलने पर अध्यापक और बच्चे दोनों ही काफी खुश हैं। छात्रा स्वेता कुमारी , स्वेता पाटिल ,संस्कृति तथा अनामिका ने बताया की घर पर रहते हुए वह बोर हो रहे थे । घर पर रहते ऑनलाइन पढाई करने का मन नहीं करता था , मोबाईल पर आँखे गडाए रखने के कारण आँखें दुखती थी । क्लास रूम में आकर अध्यापकों से फेस-टू फेस पढ़ाई करने में छ सात माह बाद आज आनन्द आया है ।   हालांकि कोरोना का डर है लेकिन पढाई के लिए रिस्क तो लेना पड़ेगा, इसके लिए हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं ।

स्कूल की प्रिंसिपल कोमल ग्रोवर तथा रश्मि, सतीश चन्द्र आदि अध्यापकों का कहना है कि वे प्रदेश सरकार द्वारा जारी नियमों का पूरा ख्याल कर रहे हैं। स्कूल में प्रवेश करते समय थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है । बच्चों को डिस्टेंस से बिठाकर क्लास रूम में पढ़ाया जा रहा है, और बच्चों को डिस्टेंस के साथ रहने की हिदायत दी गई है, इसके लिए हाफ टाइम विश्राम भी नहीं दिया जा रहा है । साथ ही हर फ्लोर पर टॉयलेट्स के पास हैंड सैनिटाइजर तथा  हाथ धोने के लिए  पानी की समुचित व्यवस्था की गई है। बच्चे कई महीनों के बाद स्कूल में आए हैं तो उन्हें आपस में बातचीत करने और पास जाने की जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है लेकिन उन्हें शारीरिक दूरी बनाने के लिए अलग से समझाया गया है, जिसका बच्चे पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूँ तो विद्यालय में 2500 बच्चे हैं लेकिन अभी केवल कक्षा 9 से लेकर 12 तक के बच्चों को पढ़ाई के लिए बुलाया जा रहा है। छोटी कक्षाओं के बच्चों को नई गाइडलाइन आने के बाद बुलाया जाएगा।

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