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भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक रक्षाबंधन – तरूण शर्मा

राखी बांधते हुए

पलवल,(आवाज केसरी) । रक्षा बंधन का पर्व श्रवण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। अबकी बार यह 3 अगस्त के दिन मनाया जायेगा। यह पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है।  भारतीय परम्पराओं का यह एक ऎसा पर्व है, जो केवल भाई बहन के स्नेह के साथ- साथ हर सामाजिक संबन्ध को मजबूत करता है। इसलिये यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोडने के साथ साथ सांस्कृतिक, सामाजिक महत्व भी रखता है।

रक्षा बंधन के त्यौहार सम्पूर्ण भारतवर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आज के दिन बहनें अपने भाईयों की कलाईयों पर राखी बाँधती और मुंह मीठा कराती है।

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वहीं दूसरी तरफ भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते है । यह त्यौहार आपस में सभी भाई -बहनों को आपसी प्रेम व भाईचारे का संदेश देता है।

तरूण दीक्षित ने बताया कि आज जब हम रक्षा बंधन पर्व को एक नये रुप में मनाने की बात करते है, तो हमें समाज, परिवार और देश से भी परे आज जिसे बचाने की जरुरत है, वह सृ्ष्टि है, राखी के इस पावन पर्व पर हम सभी को एक जुड होकर यह संकल्प लें, राखी के दिन एक स्नेह की डोर एक वृक्ष को बांधे और उस वृ्क्ष की रक्षा का जिम्मेदारी अपने पूरे लें। वृक्षों को देवता मानकर पूजन करने मे मानव जाति का स्वार्थ निहित होता है। जो प्रकृति आदिकाल से हमें निस्वार्थ भाव से केवल देती ही आ रही है, उसकी रक्षा के लिये भी हमें इस दिन कुछ करना चाहिए।

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