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फिजियोथेरेपी दिवस – रामबाण है फिजियोथेरेपी, बिन दवा और सर्जरी कई रोगों को करती है फुर्र – ड़ॉ जितेंद्र सिंगला

गामा फिजियोथेरेपी क्लीनिक

स्वास्थ्य डेस्क, (आवाज केसरी) ।  दोस्तों आज विश्व फिजियोथेरेपी दिवस है। इस अवसर पर मैं आपको फिजियोथेरेपी और इससे होने वाले फायदों के बारे में बताना चाहूंता हूं।

फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ  जितेंद्र सिंगला का कहना है कि आम तौर पर लोग फिजियोथेरेपी के बारे में इतना जानते हैं कि जब किसी का कोई ऑपरेशन हुआ हो तो उसके बाद डॉक्टर फिजियोथेरेपी की सलाह देता है। या लकवे के मरीजों,फ्रैक्चर, ऐक्सीडेंट या कोई स्पोर्ट्स एंजरी वाले लोगों को इस थेरेपी की सलाह दी जाती है।

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आज के समय में केवल रोगी को फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लेते हैं। मौजूदा समय में स्मार्ट और सिंपल हेल्थ सॉल्यूशन के इसकी लोकप्रियता और भरोसे का कारण यह भी है कि फिजियोथेरेपी इसके विशेषज्ञ ही करते हैं।

फिजियोथेरेपी का हिंदी अर्थ है  भौतिक चिकित्सा। इस विधा के पेशेवर डॉक्टर को फिजियोथैरेपिस्ट कहा जाता है। ये बाकायदा साढ़े चार वर्षीय BPT डिग्री होती है।

एक अच्छे फिजियोथैरेपिस्ट की पहचान है – उसका धैर्य, संयम,और वाक्-चातुर्य….इन दक्षताओं के द्वारा वे उपचार के दौरान मरीज का ध्यान दर्द से हटा देते हैं। और उसमें प्रेरणा और सकारात्मकता की भावना जागृत कर देते हैं, जिससे रोगी शारीरिक तौर पर ही नहीं मानसिक रूप से भी जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ड़ॉ जितेंद्र सिंगला कहते हैं कि ऑपरेशन के बाद एवम् फ्रैक्चर पीड़ितों के अतिरिक्त गर्भवती महिलाओं ,अस्थमा के मरीजों,कंधे व कमर दर्द को भी फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है।

देश के हर बड़े अस्पताल में फिजियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध होती है। आप आसानी से गामा फिजियोथेरेपी क्लीनिक पर आकर चिकित्सा लाभ ले सकते है।  जिससे  आपको हो रही समस्या से जल्द से जल्द से निजात मिल सके ।

इसकी खास बात यह है कि फिजियोथेरेपिस्ट मरीज पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देता है जो किसी बड़े हॉस्पिटल में संभव नहीं हो पाता है फिजियोथेरेपिस्ट की निगरानी में व्यायाम ने भी  उपलब्ध होने वाली फिजियोथेरेपी सेवा की लोकप्रियता को बढ़ाया है। अगर आपको किसी भी प्रकार की चोट ,मोच ,घुटनों व जोड़ों का दर्द, खेल में लगी हुई चोट या मांसपेशियों का खिंचाव, फ्रोजन शोल्डर, गर्दन दर्द या कमर दर्द,संतुलन ना बना पाना,ऑटिज्म, एड़ी का दर्द आदि है या महिलाओं को पेल्विक फ्लोर से जुड़ी समस्याएं हैं तो आप फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह से उपचार ले सकते हैं।

इस विधा में हॉट एप्लिकेशन, कोल्ड एप्लिकेशन, एक्सरसाइज,स्ट्रेचिंग, इलेक्ट्रो थेरेपी,और कई नई तकनीकें शामिल हैं जिनके द्वारा विभिन्न शारीरिक समस्याओं का उपचार किया जाता है।

इलेक्ट्रो थेरेपी इस विधा का बहुत प्रभावी एवं दीर्घकालिक उपचार है। इसमें विद्युत ऊर्जा का उपयोग उपचार के लिए करते हैं। यह मांसपेशियों को उत्तेजित कर उनमें रक्त प्रवाह बढ़ाती है तथा अंदरूनी घाव व मोच को ठीक होने में मदद करती है एवम् उत्तकों को लचीला बनाकर मांसपेशियों की ऐंठन में आराम दिलाती है।

सबसे खास बात यह है कि इससे बिना दर्द निवारक दवाओं का उपयोग किए असहनीय दर्द से निजात पाने में सहायता मिलती है।

दर्दनिवारक दवाओं के बढ़ते दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोगों का रुझान फिजियोथेरेपी के प्रति बढ़ा है। तो मांसपेशियों से जुड़ी कोई भी समस्या और दर्द होने पर दर्द निवारक दवा और इंजेक्शन की बजाय फिजियोथेरेपी का रुख़ करें। जिससे अपने स्वास्थ्य को बिन ऑपरेशन के जल्द – जल्द से ठीक किया जा सके ।

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