Home क्राइम मरीज एक और कोरोना रिपोर्ट आई दो : एक नेगेटिव दूसरी पॉजिटिव

मरीज एक और कोरोना रिपोर्ट आई दो : एक नेगेटिव दूसरी पॉजिटिव

मृतक का पुत्र एवं चचेरे भाई नेगेटिव रिपोर्ट तथा डैथ सर्टिफिकेट दिखाते हुए

     

पलवल 11 जुलाई (आवाज केसरी)| एक घंटे के अंतराल पर पलवल और नल्हड मेडिकल कालेज में कराए गये कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आई अलग-अलग – पलवल जिला अस्पताल ने बताया नेगेटिव और नल्हड मेडिकल कालेज ने मरीज को बताया कोरोना कोविड 19 पॉजिटिव | बेटों ने कहा हम उच्चाधिकारियों से सिकायत कर करायेंगे जांच |

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      पलवल चांदहट गाँव निवासी 57 वर्षीय किशन सिंह को परिवार के लोग पलवल जिला अस्पताल से सामान्य बुखार और कफ-खांशी के बाद नल्हड मेडिकल कालेज रैफर किये जाने के बाद बेहतर उपचार की उम्मीद के साथ लेकर गये थे लेकिन एक गलत रिपोर्ट के कारण मौत के बाद परिवार एवं रिश्तेदारों को मिलने वाले अंतिम दर्शन और संस्कार से भी वंचित करते हए एक छोटा सा कागज हाथों में थमा दिया | मृतक को कोरोना ओ\पॉजिटिव बताये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग कर्मी मृतक को अछूतों की तरह मेवात के एक निर्जन स्थान विशेष पर छोड़कर चले गये जहां मृतक के बेटे तथा तीन भतीजों को  अपने इष्टमित्र और परिवार के लोगों से दूर अधूरी रस्मों के साथ मृतक का दाह संस्कार करना पडा |

मृतक का पुत्र शीतल जाखड

     पलवल के चांदहट गाँव निवासी किशन सिंह के पुत्र शीतल -रवि और प्रशांत जाखड ने बताया की उनके ताऊ किशन सिंह जो मात्र 57 वर्ष के थे , उन्हें 9 जुलाई को सामान्य बुखार और कफ खांशी होने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल पलवल लाया गया था यहाँ आते ही उनका कोविड 19 टेस्ट के लिए सेम्पल कराने के बाद मामूली जाँच के बाद नल्हड मेडिकल कालेज मेवात के लिए रेफर कर दिया गया था | हम भी अच्छे और सस्ते इलाज के लालच में उन्हें नल्ह्ड ले गये थे,  वहां भी जाते ही सबसे पहले कोविड 19 टेस्ट के लिए सेम्पल लिया था उसके बाद वार्ड में भर्ती कर अपना ईलाज शुरू कर दिया | लेकिन अगले ही दिन 10 जुलाई को सुबह के समय उनकी मौत हो गई लेकिन उन्हें कोरोना की रिपोर्ट नहीं आने के कारण शव नहीं दिया गया | शाम को करीब चार बजे पहले जिला अस्पताल पलवल की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आई और उन्हें बताया की किशनसिह की रिपोर्ट नेगेटिव हैं लेकिन थोड़ी ही देर बाद नल्ह्ड वालों ने उन्हें बताया की रिपोर्ट कोरोना पोजिटिव आई है इस लिए शव का वे उन्हें ना देकर खुद अंतिम संस्कार करायेंगे |

पलवल सिविल हॉस्पिटल में कराए टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव

   और फिर अगले दिन 11 जुलाई को दोहपर बाद सरकारी गाडी से मृतक किशन सिंह के शव को एक सुनसान स्थल पर ले जाकर छोड़ दिया गया जहां पर उन्हें कहा गया शव के साथ आप जो करना चाहते हैं कर सकते है | सरकारी गाडी के साथ जिसमें शव को लेकर आये थे — वे लोग शव को पीपीई किट खोलकर हाथ- लगाने और जो चाहे करने की बात कहकर वहां से चले गये | गाडी में दो गार्ड ,एक चालक तथा एक अन्य स्वास्थ्य विभाग कर्मी था| और फिर उन्होंने खुद ही मृतक का अपने परिवार-रिश्तेदार और गाँव वालों से दूर बिना रिवाज पूरे किये ही दाह संस्कार किया |

मृतक का भतीजा रवि जाखड

  वहीं मृतक के पुत्र शीतल ने  स्वास्थ्य विभाग की गलत रिपोर्ट के बाद अंतिम परिजनों द्वारा  दर्शन और रीती रिवाज से अंतिम संस्कार करने से वंचित करने की बात उठाई है वहीं भतीजे रवि जाखड और प्रशांत जाखड ने मेडिकल कालेज की पूरी जाँच एवं तौर –तरीकों पर ही सवाल उठाते हुए उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की ताकि अन्य किसी के साथ ऐसा नही हो जैसा उनके साथ हुआ है | मामूली बिमारी के बाद लेकर गये परिजन के बदले उन्हें मात्र एक कागज थमा दिया गया जिसके उपर कॉज ऑफ़ डेथ –लंग्स इन्फ्फेक्सन लिखा था | जबकि कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट उन्हें केवल दिखाई गई उसकी कार्बन कॉपी भी उपलब्ध नहीं कराई गई , बहुत जोर देने पर कहा आप केवल फोटो ले सकते हैं |

 उनकी इस बात पर भी काफी नाराजगी थी की उनका मरीज कोरोना पोजिटिव था ही नहीं क्योंकि पलवल की रिपोर्ट में वह नेगेटिव थी , जबकि मेडिकल कालेज नल्हड वालों ने कोविड 19 टेस्ट ना कराकर टीबी का टेस्ट कराया था जिसे कोविड पोजिटिव बता कर शव से भी वंचित कर दिया गया |  जबकि वहां पर भी हमने ही दाह संस्कार किया |  

डिप्टी सीएमओ जिला अस्पताल पलवल एवं कोविड-19 इंचार्ज डॉ. सुरेश कुमार

   पलवल जिला अस्पताल के डिप्टी सीएमओ एवं कोविड इंचार्ज डॉ. शुरेश कुमार ने पलवल तथा मेवात स्थित नल्हड मेडिकल कालेज की कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट अलग- अलग आने के सवाल का उत्तर देते हुए कहा की कोविड टेस्ट के अलग- लग कई मैथड हैं हमने जिस मेथड आर. टी. पी. सी. आर. मैथड से  टेस्ट कराया उसकी रिपोर्ट बिलुकल सही आती है | लेकिन उन्होंने किस मेथड का उपयोग किया है उसकी जांच रिपोर्ट वहां से आने के बाद ही कुछ बता सकते हैं | लेकिन सबसे बड़ी बात यहाँ यह देखी गई की दो अलग-अलग रिपोर्ट आने के बाद मृतक के परिजन मौत से ज्यादा इस बात से दुःखी थे की उन्हें गाँव ले जाकर अंतिम संस्कार के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया जबकि वहां भी उन्होंने ही दाह संस्कार किया लेकिन भय के साये में अकेले –अकेले |अब पीड़ित परिवार के लोग इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग कर रहे हैं |

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