पलवल (गुरूदत्त गर्ग)। शुगरमिल की प्रबंध निदेशक/एमडी सुमन भांखर ने विशेष वार्ता के दौरान बताया कि पलवल शुगर मिल में शुरुआती 10 दिन की अड़चनों के बाद पिछले 5 दिन से शुगर मिल ने रफ्तार पकड़ ली है। मिल में प्रतिदिन 18000 से 19000 क्विंटल प्रतिदिन पिराई हो रही है और पहले की तुलना में चीनी की रिकवरी आठ तक पहुंच गई है। वहीं उन्होंने कुछ गन्ना केंद्रों पर किसानों के करने के उठान को लेकर किसानों को आश्वस्त किया कि अगले 2 दिन में उठान की समस्या का समाधान कर लिया जाएगा जिसको लेकर घोड़ी ,चिरवाडी, अमरपुर आदि गन्ना केंद्रों के किसान उनसे उठान की समस्या को लेकर मिलने के लिए पहुंचे थे।

पलवल शुगरमिल के प्रबंध निदेशक सुमन भांखर ने जानकारी देते हुए कहा कि गत 26 अक्टूबर को माननीय सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने मिल का उद्घाटन किया था लेकिन उसके बाद बारिश के कारण बगास गीली होने के कारण मिल के बॉयलर से प्रेशर नहीं बना जिससे गन्ने की पिराई ठीक से नहीं हो पाई थी। इस दौरान दो बार टेक्निकल फाल्ट होने से भी मिल में ब्रेक डाउन हो गया था । एक बार किसी ट्रक या ट्रेक्टर से लोहे का सरिया मशीन में आ गया था। उसे निकालने और मशीन की टूट फुट को रोकने के लिए फैक्ट्री को रोकना पड़ा था।
उन्होंने बताया कि यार्ड इंचार्ज की लापरवाही से एक दिन नो केन हो जाने के कारण भी मिल को करीब 2 घंटे के लिए बंद कर देना पड़ा था। यार्ड इंचार्ज को भी मिल से निकाला जा चुका है। लेकिन अब पिछले 5-6 दिन से मिल की परफॉर्मेंस बहुत बढ़िया है और अब प्रतिदिन 18000 से लेकर 19000 क्विंटल गन्ने की पिराई हो रही है। चीनी की रिकवरी भी 8 तक पहुंच गई है जबकि शुरुआती दिनों में चीनी की रिकवरी केवल 6 के आसपास रही थी।

शुगर मिल के प्रबंध निदेशक सुमन भांखर ने बताया कि वर्तमान में शुगर मिल की पिराई क्षमता 22000 क्विंटल प्रतिदिन की है लेकिन उस अवस्था तक ले जाने के लिए मिलके टेक्निकल स्टाफ को अलर्ट मोड़ पर रहना पडता है। हम अपनी पूरी कोशिश में है कि मेल अपनी पूरी क्षमता के साथ चले जिससे कि रिकवरी रेट 9 से 10 तक ले आएं।

वहीं शुगर मिल में चिरवाड़ी, घोड़ी अमरपुर आदि नौ गन्ना केंद्रों से समय पर गन्ने का उठान नहीं होने के कारण किसानों ने अधिकारियों से मुलाकात कर समय पर गन्ने का उठान करने की मांग की। किसानों ने बताया कि समय पर गन्ना नहीं उठने से उन्हें कई तरह से नुकसान उठाना पड़ रहा है।एक तो गन्ना केंद्र पर पड़ा हुआ गन्ना सूख रहा है जिसका आर्थिक नुकसान किसानों को हो रहा है। साथ ही साथ खेतों से गन्ने की कटाई नहीं होने के कारण बाहर से बुलाई गई लेबर को रहने और खाने का खर्चा किसान को उठाना पड़ रहा है। जिसके कारण लेबर में महंगी पड़ रही है। बताया लेबर को तो काम चाहिए वह खाली नहीं बैठ सकते इसलिए लेबर वापिस जाने का दबाव बना रही है।यदि लेबर चली जाएगी तो गन्ने की कटाई में बडी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। किसानों ने मिल प्रबंधन को चेतावनी दी है कि यदि 2 दिन में हमारी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मिल के अंदर आकर दो दिन बाद धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

किसानों ने बताया कि पहले गन्ना केंद्रों से उठान का काम अलग अलग ट्रांसपोर्टरों को दिया जाता था। लेकिन इस बार केवल दो ट्रांसपोर्टरों को करना उठाने का काम दिया गया है और जिस ठेकेदार को चिरवाडी- घोड़ी अमरपुर आदि नौ गन्ना केंद्रों का गन्ने का उठाने का काम दिया गया है। उसके पास ना तो लेबर है और ना ही उसके पास पर्याप्त मात्रा में व्हीकल है।

पलवल शुगर मिल के प्रबंध निदेशक सुमन भांखर से गन्ना केंद्रों से गन्ना समय पर नहीं उठाने जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ केंद्रों पर ट्रांसपोर्ट की दिक्कत आई है जिसे दुरुस्त किया जा रहा है। ट्रांसपोर्टर से बात हुई है जिसने 2 दिन का समय मांगा है और हम उम्मीद करते हैं कि 2 दिन में गन्ने के उठान की समस्या का समाधान हो जाएगा उसके बाद कोई दिक्कत नहीं होगी।