पलवल,1 अप्रैल (गुरूदत्त गर्ग) । श्री राधिका प्यारी सेवा ट्रस्ट एवं देवनगर निवासियों के सौजन्य से 30 मार्च से पलवल ब्राह्मण सभा धर्मशाला में प्रारम्भ हुई श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भगवत प्रेमी भक्तों की भारी भीड़ स्थल पर पहुंची। कथा से पूर्व नित्यप्रति कराए जा रहे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
कथा व्यास वासुदेव कृष्ण जी महाराज ने कथा के तीसरे दिन बताया कि सतयुग के मध्य में भगवान विष्णु ने कपिलदेव के रूप में अवतार लिया था। इस अवतार में उन्होंने संसार को भक्ति मार्ग और सांख्य योग का ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने अपने बुजुर्ग को माता-पिता सन्यास की दीक्षा देकर कहा कि भगवान का कोई आदि और मध्य नहीं होता है। भगवान हर युग में हर काल में हर स्थान पर रहता है। भगवान का कभी अंत नहीं होता है। उन्होंने बताया सनातन धर्म ही सत्य है । सभी धर्मों का उदय सनातन धर्म से ही हुआ है। सनातन धर्म में यज्ञ का विशेष महत्व होता है। यज्ञ लोक-कल्याण और सुख समृद्धि के लिए किए जाते हैं । जो भक्त यज्ञ में शामिल होता और नित्य श्रद्धा और भक्ति से यज्ञ करता है उसके घर में स्थायी रूप से शांति उत्पन्न होती है और वैभव की कोई कमी नहीं होती है। रोगों की समाप्ति होती है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को नित्य पांच सूक्ष्म यज्ञ करने चाहिए जिससे अनजाने में किए हुए पाप समाप्त हो जाते हैं । इन पांच यज्ञों में सर्वप्रथम घर मे जब भी भोजन प्रसाद बनाएं तो सबसे पहली रोटी गौ माता के लिए निकालकर दें। और अंतिम रोटी को कुत्ते को खिलाएं। घर की मुंडेर या छत पर एक पात्र में जल भरकर रखना चाहिए।

हमारे घर के दरवाजे पर भिक्षाटन के लिए हुए को भिक्षा अवश्य देनी चाहिए। उसे कभी अपने दरवाजे से खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। मछलियों के लिए आटे की गोली डालें, चीटियों के लिए सूखे आटे में थोड़ी शक्कर या मीठा मिलाकर डालना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि भगवत प्रेमी व्यक्ति को तीन सेवा निरंतर गौ सेवा, ब्राह्मण सेवा और संत सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से समाज में वर्चस्व उत्पन्न होता है। भगवान की भक्ति करना सबसे श्रेष्ठ है। भक्ति के प्रभाव से ध्रुव जी को 5 वर्ष की आयु में ही भगवान की प्राप्ति हो गई थी। श्री विष्णु भगवान ने ध्रुव की भक्ति से प्रभावित होकर उत्तर दिशा में अटल लोक प्रदान किया।
कथा में मुख्य यजमान सुभाष गुप्ता, वेद थानेदार, उदयभान, अशोक कुमार गौड़, रामकरण थानेदार, दयाचंद गर्ग, पप्पू सेठ, सुनील जिंदल, राजेंद्र गोयल, कन्हैया थानेदार, दशरथ थानेदार, मनीष दीक्षित, नंदकिशोर, तरुण गुप्ता, नीरज गुप्ता, सरोज वाला, कमला, देवकी, रेखा, ज्योति आदि भक्तों ने आनंद की अनुभूति प्राप्त की। कथा के अंत में श्रीमद्भागवत जी आरती कर प्रशाद वितरण किया गया।
कथा चार मार्च तक शाम तीन बजे से छह बजे तक चलेगी। पांच मार्च को हवन के बाद भंडारा किया जाएगा।