पलवल, 8 सितंबर (गुरूदत्त गर्ग)। दिल्ली में प्रस्तावित जी-20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत नाइजीरिया का 34 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को हरियाणा के पलवल में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पहुंचा। कुलपति डॉ. राज नेहरू व कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा ने उनका स्वागत किया। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के इंडस्ट्री पार्टनर के साथ प्रतिनिधिमंडल ने नाइजीरिया में औद्योगिक विकास और कौशल शिक्षा का तंत्र विकसित करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
नाइजीरियन प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. राज नेहरू ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए नाइजीरिया के सामने जोखिम नहीं है। उन्होंने कौशल शिक्षा का तंत्र विकसित करने के लिए हरसंभव सहयोग की पेशकश की। डॉ. नेहरू ने कहा कि हम इंडस्ट्री के जॉब रोल और जरूरत के हिसाब से मानवीय संसाधन तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नो डिमांड, नो प्रोग्राम और नो डिमांड नो जॉब रोल।
उन्होंने पारंपरिक विश्वविद्यालयों की समस्याओं को भी इंगित किया और कौशल के माध्यम से औद्योगिक विकास के मॉडल पर चर्चा की। नाइजीरियन इंवेस्टमेंट प्रमोशन कमीशन की अधिकारी स्लेमेंट आई अखिम्बे ने नाइजीरिया और भारत के बीच की समानताओं का जिक्र करते हुए कहा हमारी चुनौतियां और अवसर एक जैसे हैं।भारत के साथ समन्वय स्थापित कर हम आगे बढ़ सकते हैं। नाइजीरिया इंडिया बिजनेस काउंसिल की महासचिव रेखा शर्मा ने भारत और नाइजीरिया के बीच प्रगाढ़ भागीदारी की पैरवी की और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और सहयोग पर चर्चा की। ग्लोबल बिजनेस हब के जनरल काउंसिल मोहम्मद अमीनिया सागिर और अकवाड़ा सी जेम्स के डॉयरेक्टर चिबोजो इकवेकाऊ ने नाइजीरिया में स्किल एजुकेशन के विकास पर बातचीत की।

नाइजीरिया से आए रोंको कोसाको, अफ्रीका इंटरनेशनल के सीईओ बामीडेले सेऊं ओवूला और दोतूने इजरायल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रोग्राम और करिकुलम में दिलचस्पी दिखाते हुए नाइजीरिया के संदर्भ में चर्चा की।कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि पाठ्यक्रम डिजाइन भी एक बड़ी चुनौती है। हमारे विश्वविद्यालय से जब विद्यार्थी कोई डिग्री डिप्लोमा पूरा करता है वह केवल कोर्स पूरा नहीं करता बल्कि इंडस्ट्री के लिए तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि इनोवेटिव स्किल स्कूल के मॉडल को भी नाइजीरियन प्रतिनिधिमंडल के सामने रखा।