पलवल, 27 नवंबर (गुरूदत्त गर्ग)। पलवल में एक अलग ही मामला सामने आया है। दिल्ली के एक इलाके से वर्ष 2015 में 22 वर्षीय युवती घर से निकलकर सड़कों पर भटकती रही। सड़क ही उसका घर बन गया। दुकानदारों की मदद से उसे जीने के लिए दो रोटी मिलती रही, लेकिन मानसिक रूप से विक्षिप्त इस युवती को करीब ढाई वर्ष पहले किसी ने हवस का शिकार बना लिया और बाद में यह युवती एक बच्ची की मां भी बन गई।
एक और जहां समाज में कुछ लोग अपना सब कुछ लुटा कर भी सेवा करने का जज्बा रखते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ दुर्दांत भेड़िए ऐसे भी हैं। जो मानसिक रूप से विक्षिप्त को भी अपनी हवस का शिकार बनाने से नहीं चूकते ऐसा ही एक मामला पलवल से सामने आया है हुआ यूं कि दिल्ली के एक इलाके से वर्ष 2015 में 22 वर्षीय युवती निकलकर सड़कों पर भटकती रही सड़क ही उसका घर बन गया दुकानदारों की मदद से उसे जीने के लिए दो रोटी मिलती रही लेकिन मानसिक रूप से विक्षिप्त इस युवती को करीब ढाई वर्ष पहले किसी ने हवस का शिकार बना लिया और बाद में पीड़ित युवती एक बच्ची की मां भी बन गई।
पलवल के कुसलीपुर चौक के निकट सड़को पर रहने के दौरान किसी समाज सेवी ने इसकी सूचना जब पुलिस को दी तो क्राइम ब्रांच की टीम ने युवती का रेस्क्यू किया फटे हाल हालत में मिली इस युवती का जब मेडिकल कराया गया तो यह पांच माह की गर्भवती निकली दुखद बात तो यह है की जिसे अपने खाने और पहनने का होश ही नहीं था उसे अपनी हवस का शिकार बनाने बनाने वाले उन दरिंदों को रहम क्यों नहीं आया।
बरहाल पुलिस टीम ने उसे पूछताछ के बाद उसे एक आश्रम में भिजवा दिया आश्रम में युवती ने बच्ची को जन्म दिया और धीरे-धीरे कई महीनों के बाद उसकी मानसिक स्थिति में इतना सुधार आया कि वह अपने घर का पता बताने में समर्थ हो गई कि उसके तीन भाई वह दो बहने भी हैं एक बहन की मौत भी हो चुकी।
फिलहाल पीड़ित युवती को पलवल से क्राइम ब्रांच की टीम ने रेस्क्यू कर उसे उसके परिवार से मिलवाने में सफलता प्राप्त की है। क्राइम ब्रांच इंचार्ज संजय कुमार ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि युवती को दिल्ली से परिवार जनों को बुलाकर मिलवाया गया। 8 साल बाद अपने परिवार के सदस्य से मिलकर परिजन बेहद भाव विभोर हो गए।