पलवल 9 जनवरी (आवाज केसरी ) पलवल के महात्मा गांधी सामुदायिक एवं पंचायत भवन में गत शुक्रवार शाम विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में जिला लोक एवं परिवाद समिति ( ग्रीवेंस कमेटी) की मीटिंग में परिवादियों ने मंत्रियों की अध्यक्षता आयोजित होने वाली मीटिंगों की तुलना मैं खुलकर प्रशाशनिक खामियों और अधिकारियों के राजनेतिक दबावों में ढुलमुल रवैये और भ्रष्टाचार पर खुलकर अपने विचार रख प्रशाशनिक व्यवस्था की पोल खोली | बैठक में तीन परिवादियों के गैरहाजिर रहने के कारण बारह में से केवल नौ पर ही सुनवाई हो सकी | जिनमें सीनियर आई ए एस अधिकारी सुधीर राजपाल द्वारा पंचायती जमीनों से अवैध कब्जों को हटाने सहित तमाम परिवादों को निपटाने के लिए एक माह की समय सीमा तय की गई |
परिवाद संख्या एक में बहीन गाँव के ठुकरिया मोहल्ला निवासी जवाहर सिंह रावत ने वर्ष 2014 में गाँव की फिरनी को पूरा पक्का न करने और इसके दोनों ओर नालियां बनाने के काम को भी अधूरा छोड़ने से पानी की निकासी नहीं होने से उसे तथा अन्य ग्रामीणों को होने वाली परेशानियों की सिकायत का पिछले छ- सात वर्षों से निवारण नहीं किये जाने का रहा जिसमें अधूरी नाली को बनाने तथा अधूरे रास्ते को पक्का करने के आदेश दिए गये |

परिवाद संख्या दो में प्रह्लादपुर गाँव निवासी दलित दीपचंद पुत्र रामसरूप ने गाँव के दबंगों द्वारा उसके वर्ष 1997 में प्रदेश सरकार की स्कीम के तहत मिले सौ गज (तीन मरले) के प्लाट पर कब्जे को 23 वर्षों से नहीं छुडवाये जाने को लेकर अधिकारियों की दबंगों के साथ रही साथ-गाँठ की पोल खोली | प्रशाशनिक अधिरियों का गैर जिम्मेदाराना नजरिया परिवाद समिति की बैठक में भी देखने को मिला जब एसडीएम पलवल ने अपने जबाव में निजी प्लाट का हवाला देकर कब्जा दिलाने से इनकार कर दिया | परिवादी ने कहा की उक्त प्लाट को लेने के लिए उसने बाढ़ वर्षों तक कोर्ट में केस भी लड़ा था तब जाकर उसके प्लाट का नम्बर उसे बताया गया था लेकिन उसके बाद भी पिछले 11 वर्षों से वह गुहार लगा रहा है लेकिन अधिकारी दूसरे पक्ष के दबंगों के दबाव में उसे न्याय नही दे रहे हैं | परिवादी ने दबंगों से जान से मारे जाने का खतरा भी बताया | जिस पर प्रधान सचिव सुधीर राजपाल ने एक महीने के अंदर पीड़ित को उसके प्लाट का कब्जा दिलाने तथा उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए |
परिवाद संख्या तीन में बामनी खेडा गाँव के पिछड़ा वर्ग के हरिचंद आदि ने गाँव के दबंगों द्वारा उनके कदीमी रास्ते पर अवैध कब्जा करने का मसला उठाया जिसमें वादी हरिशचंद आदि का उनके प्लाट तथा मन्दिर में जाने के लिए रास्ता सुनिश्चित करने का आदेश दिया | मामले में सामने आया की पिछले चार वर्षों से गरीब वऔर पिछड़े वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले दर्जनों परिवारों के लोगों के साथ गाँव के दबंगों के द्वारा ज्यादती की जाती रही है | पीड़ित को निकलने के लिए रास्ता दिलाकर न्याय दिलाने का आदेश दिया गया |
परिवाद संख्या 4 में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी पलवल निवासी राजकुमार तायल ने उसके 13 कनाल तीन मरला जमीन पर किये गये अवैध कब्जे में प्रशाशनिक और राजनैतिक दखल को समाप्त ककर न्याय की गुहार लगाई हुई थी | मामला पिछली ग्रीवेंस कमेटी की बैठकों से लम्बित चला रहा था जिसमें अधिकारीयों ने एक बार फिर कब्जा धारियों का पक्ष लेकर पीड़ित को दोषी ठहराने के प्रयास किया , यहाँ तक की बैठक में चर्चा के दौरान विधायक हथीन प्रवीन डागर ने भी पीड़ित को किसी की बात नही मानने वाला बताकर दुसरे पक्ष को सही साबित बताने का प्रयास किया | लेकिन जब पीड़ित के तर्कों और तथ्यों का किसी भी अधिकारी के पास जब कोई जवाब नही रहा तो पिछले दिनों एफएसएल की रिपोर्ट में पीड़ित राजकुमार के फर्जी हस्ताक्षर पाए जाने पर मुकदमा दर्ज कर लिए जाने की बात अदालत से फैसला आने की बात कह पल्ला झाड़ने का प्रयास किया गया लेकिन न्याय की परख रखने वाले एक सुलझे हुए अधिकारी की तरह वरिष्ठ अधिकारी सुधीर राजपाल ने जिला उपायुक्त को आदेश दिया की वे उक्त मामले में दर्ज मुकदमे का चालान तीस दिनों के अंदर अदालत में पेश करना सुनिश्चित करें |
इसी तरह एक अन्य मामले परिवाद संख्या 6 में देश की आर्मी की 29वी बटालियन पैराशूट रेजिमेंट में सेवारत संजीव कुमार तथा उसकी पत्नी द्वारा उनके दबंग पडौसियो द्वारा उनके परिवार वालों के साथ बार- बार मारपीट और हमले मामले में पीड़ितों को न्याय नहीं दिलाकर पुलिस दूसरे पक्ष का साथ देने का मामला सामने आया , इस वाद में भी वरिष्ठ आइएएस एवं विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल ने पीड़ित पक्ष के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे की निष्पक्ष जाँच कर खारिज करने और दोषियों की गिरफ्तारी करने के आदेश दिए |
वाद संख्या 7 में गेलपुर गाँव निवासी ओमवती दहिया और उसके पति ने भी पुलिस पर दबंगों के साथ साज-बाज रहने के आरोप लगाए | जिसमें पुलिस अधीक्षक को निष्पक्षता के साथ पीड़ित को न्याय दिलाने का आदेश दिया गया | इसी तरह वीड संख्या 8 में महेशपुर गाँव निवासी नरेंद्र पुत्र महेंद्र द्वारा राशन डिपो धारक पर राशन का आनाज नही दिए जाने के आरोप लगाये गये इसमें अधिकारियों द्वारा लीपा-पोती कर डिपो धारक तथा अधिकारियों का बचाव करने का प्रयास किया गया लेकिन गाँव के कुल पांच सौ राशन धारकों में से रेंडम पचास लोगों के ब्यान लेकर रिपोर्ट अगली ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में देने का आदेश दिया | वाद संख्या नौ की वादी पीडिता सिहौल गाँव निवासी विधवा महिला संतोष को सूचना नही दिए जाने के कारण बैठक में उपास्थित नहीं हो पाई | जो पुलिस विभाग के खिलाफ थी | वाद संख्या 10 में तुमसर गाँव निवासी सुमित बैसला ने गाँव में गंदे पानी की सप्लाई का मुद्दा उठाया जिसमें वादियों के लिए दूसरे स्थान पर लगाये गये ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई देने के आदेश दिया गये | वाद संख्या ग्यारह व् बारह में पंचायती रास्तो , जमीन तथा जोहड़ों पर अवैध कब्जो की सिकायत की बाबत तमाम रास्तों-जमीनों और जोहडो को एक माह के अंदर कब्जामुक्त करने के आदेश दिए गये हैं |