आधुनिक समाज के विकास में बाल-विवाह है चुनौती : नवीन रावत
पलवल, 13 फरवरी।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल के तत्वावधान में माननीय जिला एवम् सत्र न्यायाधीश एवम् चेयरमैन श्री पुनीश जिंदिया के नेतृत्व में श्रीमती मेनका सिंह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवाएँ प्राधिकरण पलवल द्वारा स्वास्थ विभाग के सहयोग से एन.जी.एफ. रेडियो पलवल के माध्यम से विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को बाल-विवाह जैसी कुरीति के बारे में जागरूक करना, मासिक धर्म के समय स्वच्छता और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यशैली और उद्देश्यों के बारे में जागरूक करना था। श्री नवीन रावत ने रेडियो के माध्यम से श्रोताओं को बताया कि आधुनिक समाज के विकास में बाल विवाह बड़ी चुनौती है। आज भी बाल विवाह कई समुदायों में सामाजिक परम्परा के स्वरूप में प्रचलित है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का एक निर्मम उल्लंघन है। सभी बच्चों को परिपूर्ण देखभाल एवं संरक्षण का अधिकार होता है भले ही वे किसी भी सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि से क्यों न हो। बाल-विवाह के कारण बच्चे अपने जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा यानि अपना बचपन खो देते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-2016) की रिपोर्ट के अनुसार देश में 26.8 प्रतिशत बालिकाओं की शादी 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पूर्व कर दी जाती है। देश में बाल विवाह की प्रथा को रोकने तथा इससे प्रभावित बच्चों के अधिकारों के संरक्षण हेतु भारत सरकार द्वारा विशेष कानून के रूप में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 लागू किया गया है। बाल विवाह शुन्यकरणीय है, लेकिन शून्य अथवा अवैध नहीं है। इसलिए इस कुरीति की रोकथाम बहुत जरूरी है और ऐसा केवल शिक्षा एवं जागरूकता से ही संभव है।

इस अवसर पर श्रीमती पिंकी शर्मा ने भी रेडियो के माध्यम से श्रोताओं को राष्ट्रीय विधिक सेवाएँ प्राधिकरण (गणतंत्र) और हरियाणा राज्य विधिक सेवाएँ प्राधिकरण (हालसा) द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनयों जैसे पीड़ित मुआवजा योजना आदि के बारे में विशेष रूप से जागरूक किया। उन्होने बताया कि कई बार जानकारी के आभाव में सामान्यजन सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ नही उठा पाते हैं ऐसी स्थिति में पात्र व्यक्तियों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पता है। इसीलिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पलवल द्वारा समय-समय पर विशेष जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से डॉ ज्योति ने भी श्रोताओं से खासकर महिलाओं से महावारी के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया। इस अवस्था में नेपकिन या सूखे कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। उन्होने बताया कि मौजूदा समय में सरकार द्वारा विभिन्न स्थानों पर नेपकिन उपलब्ध कराये जा रहें है।
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