Home शिक्षा जरूर पढ़ें -जिला सिविल सर्जन की स्वास्थ्य चर्चा में क्या है विशेष

जरूर पढ़ें -जिला सिविल सर्जन की स्वास्थ्य चर्चा में क्या है विशेष

छह दिवसीय राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम ऑनलाइन ट्रेनिंग का आयोजन : डॉ. ब्रह्मदीप
पलवल,
सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय में भारत सरकार की ओर से छह दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत यह छह दिवसीय ट्रेनिंग पंचकुला से ऑनलाइन दी जा रही है।
इस ट्रेनिंग में किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल के अध्यापकों व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे मास्टर ट्रेनर बनकर फील्ड में अध्यापकों व विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर कोरोना महामारी में भी किशोर-किशोरियों के शाररिक व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रख सके। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के उपनिदेशक व निदेशक एवं परामर्शदाता और जिला किशोर स्वास्थ्य अधिकारी डा. पुष्पा भी मौजूद रही।

सैरो सर्विलांस जिला पलवल में 13 अगस्त 2020 से शुरू : डा. ब्रह्मदीप

सैरो सर्विलांस का हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा उद्घाटन किया गया। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने भी सोमवार को विडियो कांफ्रेंसिंग ज्वाइन की। उनके साथ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. योगेश मलिक व अन्य स्टाफ भी उपस्थित रहे।
सिविल सर्जन ने बताया कि जिला पलवल में सैरो सर्विलांस आगामी 13 अगस्त 2020 से शुरू किया जाएगा, जिसके लिए जिले में 12 क्लस्टर बनाए गए हैं, जिसमें 8 ग्रामीण व 4 शहरी रहेंगे। इसमे से 850 लोगों का रैंडम सैंप्लिग द्वारा ईलिसा टेस्ट करवाया जाएगा, जिससे कोरोना का पूरे पलवल जिले में कितना असर है के बारे में पता चलेगा। विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का कोविड-19 महामारी में पूरी लगन व ईमानदारी के साथ काम करने पर आभार व्यक्त किया।

मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग मजबूती से मुस्तैद : सीएमओ  
पलवल सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया की बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया को लेकर विभाग पूर्ण रूप से गंभीर है, जिसमें उन्होंने बताया कि कोविड-19 के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। इसी कड़ी मे उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कि तुलना मे अब तक मलेरिया के मामलों मे कमी आई है। अब तक जिले मे कुल 16 मलेरिया के मरीज आए है। इनमे से 2 मरीज दूसरे पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश के है। यह मामले पिछले वर्ष की तुलना मे 70 प्रतिशत कम हुए है। अब तक जिले में बुखार के 67 हजार 927 मरीजों की जांच की चुकी है, जिनमें से केवल 16 मरीज ही मलेरिया से ग्रस्त मिले है। इन सभी मरीजो को मलेरिया का ईलाज दे दिया गया है और दोबारा की जांच मे यह लोग ठीक पाए गए हैं।
सिविल सर्जन ने आमजन से अपील की है कि सभी लोग प्रदेश को व जिले को मलेरिया से मुक्त करने के लिए प्रत्येक रविवार को अपने-अपने घरो में ड्राई-डे के रूप मे मनाएं, जिसमें सभी आमजन अपने घरों की कूलर, टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगडक़र साफ कर ले, जिससे मच्छर का लार्वा मर जाए औए मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लग सके।
मलेरिया व डेंगू की रोकथाम के लिए विभाग को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए

[the_ad id='25870']

उन्होंने बताया कि मलेरिया व डेंगू से बचने के लिए हमें मच्छर की उत्पत्ति को नही होने देना है। क्योकि अमूमन देखा जाता है कि घरो के आस-पास या फिर रास्ते में छोटे-छोटे गड्डों में भर जाता है या फिर घरो मे बिना ढके हुए पानी मे जैसे हौदी, कूलर, फ्रिज में बर्फ के पानी की ट्रे मे पानी एकत्रित हो सकता है, जिसके कारण मच्छर उस ठहरे हुए एकत्रित पानी मे अंडे देते है, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए उन्होंने तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की टीमों द्वारा ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई डलवाने के दिशा-निर्देश दिए है, जिससे मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लग सके। सभी लोगो को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए व दिन के समय पूरी बाजू के कपडे पहने चाहिए, जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके। आमजन को जागरूक करने के लिए सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों मे तेज ठण्ड के साथ बुखार आना, सिर दर्द होना व उल्टीयो का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे जाकर मलेरिया की जांच करवाए और अगर मलेरिया जांच मे पाया जाता है तो उसका 14 दिन का ईलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख में शुरू करें।
मलेरिया के मुख्य लक्षण
सर्दी व कपकपी के साथ तेज बुखार का होना व सिरदर्द होना एवं गंभीर मामलो मे उल्टियां होना।                      
मलेरिया का उपचार व बचाव
कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है इसलिए बुखार होने पर अपने नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र में तुरन्त खून की जांच कराएं। मलेरिया होने पर तुरन्त 14 दिन का पूर्ण आमूल उपचार स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख मे लें। क्योकि सही उपचार न लेने से मलेरिया बुखार बार-बार होता है। मलेरिया बुखार बार-बार होने से खून की कमी हो जाती है जोकि बहुत घातक होती है। घरो में मच्छरनाशक दवाई का छिडकाव करवाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी बाजू के कपडें पहने।
डेंगू व चिकिनगुनिया का उपचार व बचाव
डेंगू व चिकिनगुनिया फैलाने वाला मच्छर ऐडीज दिन में काटता है व रुके हुए साफ पानी में ही पनपता है।
डेंगू के लक्षण
अकस्मात तेज बुखार का होना, अचानक तेज सिर दर्द होना, मांसपेशियों तथा जोड़ो मे दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जोकि आंखों को घुमाने से बढ़ता है।
चिकिनगुनिया के लक्षण
बुखार के साथ जोड़ो में दर्द व सूजन होना, कपकपी व ठंड के साथ बुखार का अचानक बढऩा, सिर दर्द होना।
क्या करें
घरो के आस-पास गड्डों को मिट्टी से भरवा दें। अपने कूलर, हौदी या पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करे व कपडे से अच्छी तरह से रगडक़र साफ करके प्रयोग करें। शरीर को ढककर रखे और मच्छररोधी दवा या क्रीम व कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करे एवं पूरी बाजू के वस्त्र पहने। छतो पर रखी पानी की टंकियो को ढक्कन लगाकर बंद रखे। बुखार आने पर डाक्टर की सलाह अवश्य ले।
क्या न करे
स्वयं दवा न खाएं – एसप्रीन, ब्रुफिन दवाइयो का सेवन न करें। घरो के आस-पास के गड्डों मे 7 दिन से ज्यादा पानी इकट्ठा न होने दे। पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे, पॉलिथीन के लिफाफे खुले मे न फेंके ताकि बरसात का पानी उन्मे न भरे। यदि कूलर प्रयोग मे नही लाया जा रहा है तो उसमे पानी इक_ा न होने दे। हैण्डपंप या नल के आस-पास पानी जमा न होने दें। टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे खुले मे न छोड़े क्योंकि पानी ठहरेगा जहां मच्छर पनपेगा वहां।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here