Home क्राइम लॉकडाउन के दौरान हथीन में 600 से अधिक रजिस्ट्रियां

लॉकडाउन के दौरान हथीन में 600 से अधिक रजिस्ट्रियां

फाईल फोटो

पलवल, (माथुर, आवाज केसरी) । लॉकडाउन के दौरान की गई जमीनों की रजिस्ट्रियों की जांच हरियाणा सरकार द्वारा कराने पर हथीन में लॉकडाउन के दौरान रजिस्ट्रियों की भी जांच के दायरे में आने पर सीएम फ्लाईंग द्वारा रिकार्ड खंगालने की सम्भावना के चलते इनको कराने वाले नागरिकों व प्रापर्टी डीलरों में हडकंप मच गया है।

मुख्य बिंदु

[the_ad id='25870']

2 दर्जन से अधिक अवैध कॉलोनियों के प्लाटों की भी हुई रजिस्ट्रियां

हथीन तहसील में रात के अंधेरे में भी होती हैं रजिस्ट्रियां

सीएम फ्लाईंग द्वारा रिकार्ड खंगालने की सम्भावना के चलते मचा हुआ है हडकंप

प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान हरियाणा सरकार द्वारा रजिस्ट्रियों के खोल देने पर हथीन में भी कई प्रोपर्टी डीलरों व नागरिकों द्वारा रजिस्ट्रियां कराई गई थीं। हरियाणा सरकार द्वारा अवैध कॉलोनियों को काटने पर पाबंदी लगाए जाने के बाद भी हथीन में 2 दर्जन से अधिक रजिस्ट्रियां कराई गई थीं। हरियाणा सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान की गई रजिस्ट्रियों की जांच कराने के आदेश प्रदान करने पर हथीन में उस दौरान हुई रजिस्ट्रियों की भी जांच के दायरे में आ जाने से हथीन के प्रोपर्टी डीलरों व नागरिकों में हडकंप मच गया है।

वहीं हरियाणा सरकार द्वारा तहसीलों में तमाम तरह के रजिस्ट्रीकरण पाबंदी लगाए जाने के बाद रियल एस्टेट से जुडे स्थानीय लोगों में मायूसी छाने लगी है। वहीं तहसील परिसर में भी लोगों का आवागमन थमने लगा। जिसके कारण डाक्यूमेंट राइटर, अर्जी नवीश, फोटो स्टेट, वकील और उनके मुंशियों के अलावा स्टाम्प विक्रेताओं को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है।

वहीं सूत्रों से पता चला है कि लॉकडाउन के दौरान हथीन तहसील में 600 से अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं। जिनमें लगभग 2 दर्जन ऐसी रजिस्ट्रियां भी शामिल हैं, जोकि अवैध कॉलोनियों में काटी गई प्लाटों की हैं।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हथीन तहसील काफी समय से विवादों के घेरे में भी रही है। इसी माह के प्रथम सप्ताह में रात के अंधेरे में रजिस्ट्रियां होने का मामला काफी चर्चित रहा है। इसके अलावा एक नायब तहसीलदार को भी विजिलैंस ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए उसके ऑफिस से गिरफ्तार किया था। वहीं तहसील में प्राइवेट आदमी भी कुर्सियों पर बैठकर इस तरह काम करते हैं, जैसे कि वे सरकारी कर्मचारी हों। इस प्राइवेट आदमियों का वेतन कौन देता है ? यह सर्वविधित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here