पलवल 20 जून (आवाज केसरी) | पलवल में दुकानदारों के द्वारा केंसर जैसी बीमारियाँ देने वाले कार्सेजेनिक रंगों का इस्तेमाल धडल्ले से किया जा रहा है | हानिकारक रंगो का प्रयोग करके चीनी की मिठाइयां और खाने के काम लिए जाने वाले खिलौने बनाने वाले कोविड एक्ट के तहत साफ़ -सफाई और मास्क आदि का भी प्रयोग नहीं कर रहे हैं |
पलवल में हलवाई का काम करने वाले दुकानदार शादी-ब्याह में काम में लिए जाने वाले चीनी से बने खिलौनों में हानिकारक रंगो का जबर्दस्त तरीके से प्रयोग कर रहे हैं | देखने में आकर्षक और सुंदर लगने वाले ये खिलौने खाने वालों को गम्भीर बीमारियाँ दे रहे हैं | जिला अस्पताल के एसएमओ डॉ अजय माम ने बताया की रंगों की अधिकता वाली मिठाइयों में कार्सेजेनिक कलर्स प्रयोग किया जाता है जिनमें केंसर जैसी बीमारियाँ देने वाले कारक तत्व होते है | उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा ऐसे अन-अप्रूव्ड फूडग्रेड कलर्स कहीं पर भी दिखाई दें तो इसकी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सिकायत दें |
वहीं बिना फेस मास्क लगाकर हानिकारक रंगों का इस्तेमाल कर खिलौने बनाने वाले कारीगर तथा बनवाने वाले हलवाई का कहना है की वे जिन रंगों का प्रयोग कर रहे हैं वे खाने वाले कलर्स है | उन्होंने बताया की इन खिलौनों की बाल्मीक समाज के लोगों की शादियों में मांग ज्यादा होती है | एक शादी में पांच किलो से लेकर बीस किलोग्राम पर खिलौने लडके वालों की ओर से लडकी वालों को भेंट में देने के लिए ले जाये जाते है यह सदियों से चली आ रही परम्परा है |