
प्रयागराज, 17 फरवरी – 144 वर्षों बाद विशेष नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग में आयोजित महाकुंभ 2025 ने श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण पैदा कर दिया है। इस बार महाकुंभ में आस्था और धार्मिक उत्साह का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, और संगम में पुण्य स्नान करने का उत्साह चरम पर है।
श्रद्धालुओं में उत्साह, कठिनाइयों के बावजूद अपार श्रद्धा
महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं से पीटीसी संवाददाता ने विशेष बातचीत की। श्रद्धालुओं ने संगम स्नान को अपने जीवन का सबसे पावन क्षण बताते हुए इसे दिव्य अनुभव बताया। कुछ श्रद्धालुओं ने यह भी स्वीकार किया कि भीड़ और व्यवस्थाओं की कुछ कठिनाइयाँ थीं, लेकिन उनके धार्मिक विश्वास के आगे यह सब गौण हो गया।

बल्लभगढ़ से आए श्रद्धालु मुकेश गुप्ता उनकी धर्मपत्नी नीरू गुप्ता ने कहा,
“महाकुंभ में आकर संगम स्नान करना एक दुर्लभ सौभाग्य है। यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा अविस्मरणीय है।”
वहीं दिल्ली की ईशा अग्रवाल ने कहा,
“भीड़ ज़रूर अधिक है, लेकिन सरकार की व्यवस्थाएँ सराहनीय हैं। हमें स्नान, भोजन और आवास की कोई बड़ी समस्या नहीं हुई।”
व्यवस्थाओं पर सुविधाओं को लेकर स्नेहा जिंदल,पूनम गुप्ता, सरोज गर्ग, आदिद्वारा दी गई प्रतिक्रियाऐं – महाकुंभ को लेकर पहले कुछ शंकाएँ ज़रूर थीं कि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएँ पर्याप्त होंगी या नहीं। लेकिन संगम घाट पर पहुँचे लोगों ने इन शंकाओं को नकारते हुए प्रशासन की व्यवस्थाओं को संतोषजनक बताया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं के तहत अस्थायी अस्पतालों की स्थापना की गई है।
भोजन एवं आवास की सुविधा के लिए विभिन्न धर्मशालाओं और टेंट सिटी का निर्माण किया गया है।
महाकुंभ 2025: त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को भी बढ़ाता है। विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों की भागीदारी, धार्मिक प्रवचन और भव्य शाही स्नान इसे और भी भव्य बना रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार महाकुंभ में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं, जिससे प्रयागराज की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

महाकुंभ 2025 आस्था, श्रद्धा और भारत की सनातन संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालु कठिनाइयों के बावजूद अपनी धार्मिक आस्था में अडिग हैं और इस पावन अवसर को लेकर उत्साहित हैं।