पलवल,30 मई । पलवल में हरियाणा रोडवेज की बसों में मनाही के बावजूद छिहत्तर वर्ष तक के बुजुर्ग सफर कर रहे हैं वहीं रिटायरमेंट की दहलीज पर बैठे बुजुर्ग कंडक्टरों से ड्यूटी कराई जा रही है। यही नहीं विभाग द्वारा कंडक्टर तथा ड्राइवरों के लिए कोरोना से बचाव के लिए हैंड सैनिटाइजर तथा मास्क तथा ग्लब्ज भी नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि अधिकारियों का कहना है कि हमने सभी कर्मचारियों को हैंड सेनीटाइजर तथा मास्क और ग्लब्ज आदि उपलब्ध कराए हैं।

विश्वव्यापी महामारी कोरोना के चलते सरकार ने हरियाणा रोडवेज संचालन करीब 2 महीने के लिए बंद कर दिया था, लेकिन लोगों की मांग और जरूरतों का ख्याल करते हुए कुछ बंदिशों के साथ बसों का जिले की सीमाओं के अंदर पुनः संचालन शुरू किया गया है। लॉक डाउन की बंदिशों में साफ तौर पर कहा गया है कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग तथा दस वर्ष से कम उम्र के बच्चे घरों से ना निकलें। बसों को रूट पर भेजने से पहले सैनिटाइज किया जाए तथा प्रत्येक सवारी को बस में बैठाने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जाए । जिससे कि यात्री के टेंपरेचर की जानकारी मिल सके और टेंपरेचर अधिक पाए जाने पर क्वॉरेंटाइन किया जा सके। लेकिन पलवल बस स्टैंड पर जाए जाकर स्थिति का जायजा लिया गया तो यहां पर बसों में बहत्तर और 76 वर्ष तक के बुजुर्ग बसों में सफर करते हुए पाए गए।

यात्रियों को बस में बिठाने से पहले थर्मल स्क्रीन भी नहीं कराई जा थी। और जब जोर देने पर थर्मल स्क्रीनिंग के लिए हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी को बुलाया गया तो दिखाई दिया की कर्मचारी को थर्मल स्केनर से टेंपरेचर लेना भी नहीं आ रहा था -कर्मचारी पहले बहुत दूर से टेंपरेचर लेने की कोशिश करता है उसके बाद तीन चार प्रयास करने के बाद टेंपरेचर मापने में सफल होता है| लेकिन टेंपरेचर मापने वाले कर्मचारी को यह नहीं पता कि कितने टेंपरेचर पर बस में सफर करना मान्य किया हुआ है ।यही नहीं बस में बैठे हुए लोगों ने अपने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगाया हुआ था। बस के अंदर बुजुर्ग ही सफर करते दिखाई दिए। बस स्टैंड पर बस का इंतजार करते हुए भी अधिकांश लोग बुजुर्ग ही दिखाई दिए। जबकि बुजुर्गों के लिए घर से बाहर निकलने पर भी डब्ल्यूएचओ तथा केंद्र सरकार की तरफ से सख्त हिदायतों के साथ सख्त मनाही की हुई है।

हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी भी कोरोना वायरस को लेकर के पूरे जोखिम के साथ रूटों पर मजबूरी में निकल रहे हैं कंडक्टर तथा ड्राइवर का कहना है उन्हें विभाग की तरफ से ना तो हैंड सेनीटाइजर दिए गए हैं ना मास्क उपलब्ध कराया गया है और ना ही ग्लब्ज दिए जाते हैं।इस पर जब हमने बस अड्डे के स्टैंड इंचार्ज वीरेंद्र से पूछा तो उन्होंने बताया कि विभाग ने चालक- परिचालकों के लिए हैंड सैनिटाइजर मास्क तथा ग्लब्ज उपलब्ध कराए हुए हैं। लेकिन वे सब स्टोर में रखे हुए हैं। जब हमने पूछा कि स्टोर में रखे हुए वह किस के काम आएंगे तो इसका उनके पास में कोई जवाब नहीं था।
जब हमने तो रिचार्ज राजेश सिंह से पूछा तो राजेश सिंह का कहना है कि कंडक्टर,ड्राइवर झूठ बोलते हैं हमने सभी कंडक्टर और ड्राइवरों को सैनिटाइजर मास्क ब्लाउज उपलब्ध कराए हैं। अब यह तो वहीं जाने कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच बोल रहा है। बहरहाल हमें मौके पर कंडक्टर ड्राइवर के पास ना तो मास्क मिले और ना उनके पास ग्लब्ज थे|पूछे जाने पर हैंड सेनिटाईजर के लिए उन्होंने साफ मना किया | कहा चालक और परिचालकों को ना तो सैनिटाइजर मिले और हीग्लव्ज और मास्क दिए गये हैं |

पड़ताल के दौरान कंडक्टर ,ड्राइवर ,स्टोर इंचार्ज तथा स्टैंड सुपरवाइजर के बयानों का जब आपस में तालमेल नहीं मिलता दिखाई दिया तो हमने सीनियर अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया तो मालूम हुआ कि जनरल मैनेजर छुट्टी पर थे सोमवार से पहले नहीं आएंगे । वहीं ट्रैफिक मैनेजर के पास दो अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी होने के कारण वह अभी पलवल में उपलब्ध नहीं थे। उसके बाद जब वर्क्स मैनेजर से सवारियों तथा कर्मचारियों की सुरक्षा के नियम बनाए गए,नियमों और संसाधनों के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने साफ कहा कि हमने सभी कर्मचारियों को हैंड सेनीटाइजर तथा मास्क उपलब्ध कराए थे यदि किसी के पास में हैंड सेनीटाइजर समाप्त हो गए हैं तो हम उन्हें उपलब्ध करा देंगे। जबकि मास्क के बारे में उनका साफ कहना था कि मास्क कंडक्टर ड्राइवर अपने घर का बना हुआ लगा सकते हैं मैंने भी घर का लाभ बना हुआ लगाया हुआ है। वहीं उन्होंने कहा कि ब्राउज़र उन्होंने किसी कर्मचारी को उपलब्ध नहीं कराए हैं जबकि स्टोर इंचार्ज का दावा था कि उन्होंने सभी कर्मचारियों को ग्लव्ज भी उपलब्ध कराए हैं।