पलवल,(आवाज केसरी) पलवल के कुलैना गांव में डेढ़ साल पहले इंटरलॉक टाइलों से बनाए गए रास्ते के नाम पर जिला परिषद द्वारा नौ लाख नब्बे हजार रुपए आवंटित कर घोटाला  किए जाने का मामला सामने आने पर सीएम विंडो तथा विजिलेंस को शिकायत की गई है। घोटाले की पोल खुलने के बाद जहां गांव का सरपंच प्रतिनिधि बिफ़रा हुआ है वहीं जिला परिषद की चेयरपर्सन ने किसी प्रकार के घोटाले से अनभिज्ञता जाहिर की है।
  प्राप्त जानकारी के अनुसार पलवल के चांदहट थाना क्षेत्र के गांव कुलैना में  करीब डेढ़ वर्ष पूर्व लगभग 12 लाख रूपये की लागत से कच्चे रास्ते को पक्का किया गया था। यह रास्ता अमरपुर  मोहना रोड से कुलैना गांव जाने वाली सड़क से खेतों में बने स्वर्गीय रामोतार के घर तक बनाया गया था।  इसी रास्ते को  पक्का कराने के लिए पलवल जिला परिषद के सदन में प्रस्ताव पारित कर ₹990000 रुपये आवंटित कर दिए गए।  जब इस महा घोटाले की पोल खुली तो जिला परिषद के कुछ पार्षदों ने इकट्ठा होकर सीएम विंडो पर इसकी शिकायत लगा दी है साथ ही पार्षदों का कहना है कि इसकी शिकायत प्रदेश की विजिलेंस तथा हाई कोर्ट में भी लगाई जाएगी। 

ढेढ़ साल पहले गाँव की सडक से रामौतार के घर तक पक्का बनाया रास्ता

 वाईस चेयरमैन संतराम बैंसला, पार्षद जसवंत भाटी, सुनील ढकोलिया, गिरधारी लाल, आदि पार्षदों का आरोप है कि यह तो एक पकड़ मैं आज आने वाला मामला है। जबकि  जिला परिषद के चेयरमैन आशावती और जिला परिषद पलवल के  सीईओ ने सरपंचों से मिलकर बड़े घोटाले किये है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 20- 20% कमीशन लेकर विकास राशि ग्रांट के लिए दी जा रही है। ठेकेदारों के बिलों का भुगतान मोटा कमीशन लेकर किया जा रहा है।

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भाजपा राज में कोरोना काल के दौरान महा घोटाले के आरोपों के बाद जब हमने गांव में जाकर ग्राउंड जीरो पड़ताल की तो  पाया कि जिस रास्ते के लिए जिला परिषद के द्वारा जो ग्रांट दी गई है वह रास्ता तो डेढ़ साल पहले बनाकर तैयार किया गया था। यह भी मालूम हुआ की जिला परिषद के सदस्यों द्वारा घोटाले सम्बन्धि विडियो बनाकर शोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई थी जिसके कारण गाँव की महिला सरपंच के ससुर त्रिलोक चंद ग्रामीणों पर भडके दिखाई दिए । एक स्थान पर इसी मुद्दे पर गांव के सरपंच की ग्रामीणों के साथ में बहस होती हुई पाई गई। गांव की सरपंच प्रतिनिधि त्रिलोक चंद ने जहां पूरे गांव के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग किया वहीं गांव के युवाओं ने भी सरपंच प्रतिनिधि के साथ असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए वाद-विवाद किया।  

गाँव की महिला सरपंच प्रतिनिधि त्रिलोकचंद ग्रामीणों को सफाई देते हुये

 सरपंच प्रतिनिधि त्रिलोकचंद ने स्वीकार किया गया कि उक्त रास्ते का  निर्माण डेढ़ साल पहले किया गया था। लेकिन अब जिला परिषद से जो नौ लाख नब्बे हजार रूपये की जो ग्रांट आई है वह गाँव अमरपुर- मोहना-रोड से रामौतार के घर तक बनाये जाने वाले रास्ते के लिए आई है।  आगे बताया की वह रास्ता रामौतार के घर से मोहना अमरपुर रोड तक प्रस्तावित था , लेकिन वह रास्ता रामौतार परिवार का निजी रास्ता होंने के कारण बनाना कैंसिल किया जा चुका है । अब उस पैसे का किसी दुसरे रास्ते के लिए काम में लिया जाएगा ।  पहले जो रास्ता डेढ़ साल पहले रामौतार के घर तक बनाया गया था वह गांव वाले पीडब्ल्यूडी रोड से बनाया गया था ।

गलत फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर दी गी ग्रांट घोटाले को छिपाने के लिए दिखाया जा रहा दूसरा रास्ता


मामला शीशे की तरह साफ़ दिखाई दे रहा है जिसके कारण सरपंच तथा जिला परिषद की चेयर पर्सन अलग-अलग बातें कर रहे हैं, जिला परिषद की चेयरपर्सन ने तो घोटाले से अनभिज्ञता जारी करते हुए कहा कि जिला परिषद के सदन में  पंचायत विभाग के अधिकारियों से किसी भी विकास कार्य के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट आने के बाद ही सदन में ग्रांट पास की जाती है। संबंधित काम की फिजिबिलिटी रिपोर्ट आने के बाद ही पैसा दिया गया था। उन्होंने कहा मुझे किसी घोटाले के बारे में जानकारी नहीं है।  उन्होंने कहा कि जिला परिषद द्वारा भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति के अनुसार विकास कार्यों का पैसा विकास कार्यों पर ही लगाया जाता है जिससे कि पार्टी की साख पर कोई आंच ना आए। यदि कोई सिकायत सामने आती है तो उसकी जाँच करा दी जाएगी ।

अब यह तो सीएम विंडो पर दी गई शिकायत की जांच होने के बाद ही पता चल पाएगा कि कुलैना गांव के रास्ते का मामला घोटाला है या पूरे पैसे का गबन करने का महाघोटाला। लेकिन इतना जरूर दिखाई दे रहा है कि यदि पार्षदों की नजर इस एक ही रास्ते के लिए दोहरी ग्रांट पर नहीं पड़ती तो बिलिंग का काम भी पूरा कर लिया जाता। और फिर भारतीय जनता पार्टी  की जीरो टोलरेंस वाली सरकार में भी इस तरह के घोटाले बदस्तूर जारी रहने के कयासों पर पक्की मुहर लग जाती। लेकिन अभी गावं के सरपंच तथा जिला परिषद चेयरपर्सन की तरफ से इस मामले को दबाने का काम किया जा रहा है ।

दिखाई दे रहे घोटाले में इन जन -प्रतिनिधियों से ज्यादा संलिप्तता उन अधिकारीयों की दिखाई दे रही है जिन्होंने अमरपुर मोहना रोड से अथवा कुलैना मुख्य रोड से स्वर्गीय रामौतार पंडित के घर तक रास्ते की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाकर जिला परिषद् पलवल को दे दी | सीएम विन्डो पर लगाई गई सिकायत के बाद अब इन सभी पर क्या कार्रवाई होती है यह तो समय बतायेगा । 

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