पलवल,(आवाज केसरी) । दो अक्तूबर का दिन देश के बच्चे – बच्चे को याद रहता है। क्योंकि ‘2 अक्तूबर” देश के दो महान नेताओं के जन्मदिन से जुडा हुआ है। बच्चा जब स्कूल में जाना प्रारम्भ करता है तो उसकी दो अक्तूबर वाले दिन छुट्टी हो जाती है । छुट्टी करने से पहले सभी बच्चों को छुट्टी का कारण भी भली-भांति बताया जाता है । स्कूल जाते- जाते देश का हर बच्चा अभ्यस्त हो जाता है की आज के दिन यानी दो अक्तूबर के दिन ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के प्रतीक , देश की आजादी के बाद दूसरे प्रधानमन्त्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री तथा अंग्रेजों को अहिंसा के रास्ते नाकों चने चबवाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। जिन्हें पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से पुकारता है।
इन दोनों हस्तियों को और इनके जन्म दिन दो अक्तूबर को कोई भूल नहीं सकता है लेकिन पलवल के विधायक दीपक मंगला को आज के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तो याद रहे लेकिन वह पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री जी को भूल गये । इस अवसर पर लोगों का कहना था की गांधी जी को याद करना और शास्त्री जी को भूल जाना बड़े विस्मय और दुःख भरी घटना है। सार्वजनिक जीवन के किसी भी कार्यक्रम में कोई भी राजनेता ऐसी भूल नहीं कर सकता है लेकिन मंगला जी के भुलने के भी उनके अपने कोई कारण हो सकते हैं ।
दो अक्तूबर के दिन का महत्व एक बार फिर आपको याद दिलाने की कोशिश।
भारत के दो ऐसे महान सपूतों का जन्मदिन हुआ है जिन्होंने अपने महान कर्मों से पूरे हिंदुस्तान को अपना कर्जदार बना लिया। हम बात कर रहे हैं बापू महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर की। बापू का जन्मदिन देशभर में ‘गांधी जयंती’ के रूप में और दुनियाभर में ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘जय जवान जय किसान’ देश की स्वतंत्रता में बापू के अहिंसक संघर्ष का महत्वपूर्ण योगदान है तो वहीं भारत को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इस योगदान को जाया नहीं होने दिया है, उन्होंने लोगों को यह बताया कि अगर आप चाह लें, तो आप कुछ भी कर सकते हैं, बशर्ते कि आप की नियत पाक-साफ हो।