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हरियाणा में डीसी के पदों पर पदोनत्त होकर आईएएस बने अधिकारियों का बोलबाला

14 ज़िलों में तैनात है एचसीएस और नॉन-एचसीएस कोटे से बने आईएएस  

चंडीगढ़,(aawazkesari.in) ।  वर्तमान में  हरियाणा .के कुल  22 ज़िलों में से 13 में जिला उपायुक्त (डीसी ) के पद पर हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस)  से पदोनत्त होकर और एक ज़िले में नॉन-एचसीएस में से  भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस ) बने अधिकारी तैनात है. ज्ञात रहे कि  इनमें से 12 पदोनत्त अधिकारी  एक वर्ष पूर्व ही आईएएस बने थे।  हाई कोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विशेषज्ञ हेमंत कुमार ने प्रदेश के सभी ज़िलों के  डिप्टी कमिश्नर्स के सर्विस रिकॉर्ड का  अध्ययन करने के बाद बताया कि  आज की तारिख में 12 ज़िलों  — पंचकूला , यमुनानगर,  फतेहाबाद, चरखी दादरी, पानीपत, कैथल, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, और महेंद्रगढ़ के डीसी आज से  एक वर्ष पहले ही मई 2019 में एचसीएस  से पदोन्नत  होकर  आईएएस अधिकारी बने. हालांकि सिरसा ज़िले के वर्तमान  उपायुक्त आज से करीब साढ़े तीन वर्ष पूर्व एचसीएस आईएएस में प्रमोट हुए थे. वहीँ अम्बाला ज़िले के उपायुक्त साढ़े छः पूर्व  गैर-एचसीएस कोटे से आईएएस बने थे। 
प्रदेश के केवल सात ज़िलों – गुरुग्राम, जींद ,कुरुक्षेत्र, हिसार, भिवानी, करनाल और नूहं में ही डीसी के पद पर  सीधी  भर्ती द्वारा चयनित होकर आईएएस बने अधिकारी तैनात  हैं। हालांकि ज़िले सोनीपत में बीते वर्ष मणिपुर कैडर से हरियाणा में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर आये  एक आईएएस अधिकारी उपायुक्त  के पद पर तैनात  हैं। 
हेमंत ने बताया कि चरखी दादरी में डेढ़ माह पूर्व  डी सी. के तौर पर तैनात किये गए शिव प्रसाद गत वर्ष 16 मई 2019 को ही आईएएस में प्रोमोट किये गए ।  हालांकि उन्हें 2009  बैच  अलॉट किया गया. ज्ञात रहे कि प्रसाद 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर   सितम्बर, 2018 में एचसीएस से रिटायर हो गए थे।  जिसके बाद हरियाणा सरकार द्वारा  उन्हें कुछ समय के लिए पुनर्नियुक्ति पर भी रखा गया था क्योंकि उनकी आईएएस में प्रमोशन होनी थी ।  परन्तु कुछ एचसीएस अधिकारियों द्वारा अपनी  वरिष्ठता को लेकर हाई कोर्ट में दायर मामलो  के लंबित होने के  कारण एचसीएस अधिकारियों की  आईएएस में प्रमोशन बीते कुछ वर्षो में  लटक गयी  थी. बहरहाल प्रसाद करीब तीन माह  बाद सितम्बर 2020 में 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर  आईएएस से रिटायर हो जाएंगे। 
वर्तमान में  पंचकूला में उपायुक्त  के तौर पर तैनात मुकेश आहूजा, रोहतक में  आर.एस. वर्मा  और कैथल में  सुजान सिंह बीते वर्ष मई, 2019 में एचसीएस से प्रमोट होकर आईएएस बने एवं तीनो को हरियाणा कैडर आईएएस का  2009 बैच अलॉट किया  गया. इसी प्रकार उनके  साथ आईएएस में पदोनत्त हुए   जितेन्द्र कुमार, जो आज झज्जर में डीसी है,  को 2010 बैच अलॉट हुआ। 
यमुनानगर  में मुकुल कुमार, फतेहाबाद में नरहरि सिंह बांगर, पलवल में नरेश कुमार, रेवाड़ी में यशेंद्र सिंह और फरीदाबाद में यशपाल यादव मौजूदा डीसी हैं एवं वह ही गत वर्ष ही आईएएस में प्रमोट हुए  एवं  इन पांचो को 2011 बैच अलॉट किया गया. इसी प्रकार  उनके साथ ही आईएएस मे पदोनत्त हुए धर्मेंद्र सिंह, जो अब पानीपत के डीसी है,  को 2012 बैच जबकि  जगदीश शर्मा को 2014 बैच अलॉट किया गया, जो आज महेंद्रगढ़ के डीसी हैं.  
 सिरसा के वर्तमान उपायुक्त आर.सी. बिधान  हालांकि नवंबर 2016 में एचसीएस. से प्रमोट होकर आईएएस बन गए थे एवं  उन्हें 2005 बैच अलॉट किया गया था.जहाँ तक सीधी भर्ती से चयनित होकर आये  आईएएस अधिकारियों का विषय है तो इनमे नूहं में 2009 बैच के पंकज , 2011 बैच के अमित खत्री गुरुग्राम में और आदित्य दहिया जींद में, 2012 बैच के धीरेन्द्र खड़गटा कुरुक्षेत्र में और प्रियंका सोनी हिसार में और 2013  बैच के अजय कुमार भिवानी और निशांत यादव करनाल में डीसी तैनात हैं। 
इसके अतिरिक्त अक्टूबर, 2019 में मणिपुर कैडर से हरियाणा कैडर में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पार आए 2010 बैच के आईएएस श्याम  लाल पुनिया  सोनीपत ज़िले में उपायुक्त पद पर तैनात है. हेमंत ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा में पुनिया के अतिरिक्त चार अन्य   आईएएस  अधिकारी दूसरे राज्यों के  कैडर  से हरियाणा में डेपुटेशन पर आये हुए  हैं. इनमे 2008 बैच त्रिपुरा कैडर की  सोनल गोयल हैं  जो बीते चार वर्षो से अर्थात जुलाई 2016  से हरियाणा में डेपुटेशन पर  हैं।  उनके  अतिरिक्त  2004 बैच और उत्तर प्रदेश कैडर के बलकार सिंह गत वर्ष जनवरी 2019  से, 2010 बैच और  एजीएमयूटी  कैडर के जीतेन्द्र यादव जुलाई 2019  से और  2013 बैच और मणिपुर कैडर की जसप्रीत कौर गत वर्ष  दिसंबर 2019 से हरियाणा में डेपुटेशन पर  हैं. सामान्यत: आईएएस  अधिकारी की दूसरे  राज्य में डेपुटेशन प्राथमिक तौर पर तीन  वर्षो के लिए होती है जिसे बाद में एक बार में अधिकतम कुल पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।  हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों  में केंद्र सरकार इसमें  रियायत भी दे सकती है एवं  तीन वर्षो से पहले भी डेपुटेशन पर भेजे गए आइएएस अधिकारी को  अपने मूल कैडर में वापिस भेजने के आदेश किये जा सकते हैं। 

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