पलवल, (आवाज केसरी) । पलवल के गांव दीघौट में बीते दिनों हुए कथित अपहरण के मामले में अब एक नया मोड आ गया है । अब पुलिस की हिरासत में खुद पीड़ित ने मीडिया से बात करते हुए बताया की उसका उसकी पत्नी के साथ पिछले करीब दो महीने से विवाद चल रहा था। जिसके चलते वह घर से अपने आप निकल गया था। साथ ही पीड़ित सुन्दर ने बताया की उसकी पत्नी कभी घर से कहीं चली जाती थी तो कभी कहीं और लोगों पर तरह तरह के मुकदमे दर्ज कराती थी जिससे वह तंग आ गया था और अपनी मर्जी से घर से चला गया था उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था।
गौरतलब है की गांव दिघौट निवासी इन्द्र ने गत 26 जुलाई को दीघौट चौकी पुलिस को दी शिकायत में बताया था की उसके पुत्र सुन्दर का उसके ससुर तोताराम, साले धर्मपाल व सतपाल व पीड़ित सुन्दर की पत्नी सोनम ने अपहरण कर लिया है या इनकी शह पर किसी ने किया है। जिस पर दीघौट पुलिस चौकी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी । पीलिस ने पीड़ित सुंदर के परिजनों द्वारा बताये गए नामितों के साथ पूछताछ की। जिसके बाद पुलिस ने बताया की उपरोक्त जुर्म का कोई भी आरोपी नहीं पाया था ।
आज दिनांक 4 अगस्त मंगलवार को उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अनिल कुमार ने बताया की पीड़ित के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी और पुलिस ने जब अपह्रत के लड़के से पूछताछ की तो उसने अपने पिता की झूटी कहानी का पर्दाफास कर दिया। और उसके बाद खुद पीड़ित सुन्दर ने अपने परिजनों के साथ चौकी में आकर बताया की वह गृहक्लेश व मानसिंक तनाव के कारण अपनी मर्जी से दिल्ली स्थित एक बाबा के आश्रम में चला गया था। वह बाबा दीघौट में अक्सर आता जाता रहता था और पीड़ित गाय का दूध निकालने के लिए हर रोज दीघौट मंदिर में आता जाता था। जिसके चलते उसकी बाबा से जानकारी हुई थी और वह अपनी मर्जी से बाबा के आश्रम में दिल्ली चला गया था।
वहीं जब मीडिया कर्मियों ने पीड़ित सुन्दर से बात की तो उन्होंने बताया की वह तनाव में आकर घर से अपनी मर्जी से गया था। उसने बताया की उसका अपने परिवार में पत्नी के साथ करीब दो महीने से टकराव चल रहा था। साथ ही उसने बताया की उसकी पत्नी लोगों पर तरह तरह के मुकदमे जिनमें 376(बलात्कार) जैसे मामले भी शामिल है दर्ज करवाती थी। जिससे वह परेशान हो गया और घर से निकल गया था, उसका किसी ने अपहरण नहीं किया। पुलिस ने दावा किया की लापता हुआ युवक 31 जुलाई को ही अपने घर पहुँच गया था । जबकि की कुछ अखवारों में झूठी खबर चलाई गई की अपहृत युवक का छ दिन तक भी कोई सुराग नहीं लग पाया है | जबकि पुलिस की थ्योरी के उलट युवक अभी पुलिस पुलिस की हिरासत में है और खबरें छपने के बाद ही पुलिस उसे निकालकर लाई थी ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए या तो पीड़ित किसी दबाब में ये सब बयान दे रहा है की उसका किसी ने अपहरण नहीं किया अगर ऐसा है तो उसकी पत्नी को पुलिस हिरासत में लिया जाना चाहिए और उससे पूछताछ करनी चाहिए की जो आरोप उसके पति ने लगाए है उनमें क्या सच्चाई है अगर उन आरोपों में कोई सच्चाई है तो उन मुकदमों का पर्दाफास होना चाहिए जो उसकी पत्नी ने लोगों पर दर्ज करवाए है जिनसे परिवार में भी इतनी बड़ी नौबत आयी।