नई दिल्ली,(आवाज केसरी) । हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर जमकर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। आरोप है कि पुलिस ने राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान वह सड़क पर गिर गए। सड़क पर झाड़ी में गिरने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरस हो रही हैं। इसमें एक पुलिसकर्मी दिख रहा है और राहुल के साथ कुछ उनके सहायक भी हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि उन्हें पुलिसकर्मी ने धक्का दे दिया। जिसकी वजह से वह गिर गए। मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी को चोट नहीं लगी है। उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने उठाया।
राहुल गांधी के सड़क पर गिरने की सूचना मिलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता बेकाबू हो गए। सड़क पर गिरने के बाद राहुल गांधी दोबारा उठे और पैदल ही हाथरस के लिए चलने लगे। लेकिन पुलिस ने उन्हें एक्सप्रेस-वे पर जमीन पर एक किनारे बैठा दिया।
वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट कर यूपी की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया दुख की घड़ी में अपनों को अकेला नहीं छोड़ा जाता। यूपी में जंगलराज का ये आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है।
राहुल व प्रियंका को हिरासत में लेने के बाद गेस्ट हाउस ले गई पुलिस
राहुल व प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के बाद पुलिस फॉर्मूला वन ट्रैक गेस्ट हाउस ले गई। जहां पर कुछ समय के बाद कांग्रेस नेताओं को दिल्ली की सीमा में छोड़कर पुलिस वापस आ गई। राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा और जतिन प्रसाद भी मौजूद रहे।

जिस गाड़ी में राहुल व प्रियंका को बैठाया उस पर चढ़े कांग्रेस कार्यकर्ता
जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने हिरासत में लेकर गेस्ट हाउस जाने लगी तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। पुलिस की जीप को चारों ओर से घेर कर पार्टी कार्यकर्ता जमीन पर लेट गए। ताकि उन्हें पुलिस न ले जा सके। जबकि कुछ कार्यकर्ता उस जीप के ऊपर चढ़कर हंगामा करने लगे जिसमें राहुल गांधी बैठे हुए थे।
प्रियंका गांधी का आरोप पुलिस ने बर्बर तरीके से पीटा
उधर, प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि उन्हें हाथरस जाने से रोका गया। जब वह राहुल के साथ पैदल चलने लगे तो बार-बार पुलिस ने रोका और बर्बरता से लाठीचार्ज किया। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। काश यही लाठियां, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती।