गुरूग्राम, (आवाज केसरी) । दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद स्थानीय निकायों की पोल खुल गई है। दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में सड़कों से लेकर घरों तक में भरे पानी ने स्थानीय निकायों की लापरवाही सामने ला दी है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी बारिश के बाद बुरा नजारा दिखा। मूसलाधार बारिश के कारण नए गुरुग्राम की पॉश कॉलोनियों में भी पानी भर गया। गोल्फकोर्स रोड पर अंडरपास में पानी भरने से वाहन डूब गए।
गुरुग्राम में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। बारिश ने सरकारी विभागों के इंतजामों की पोल खोलकर रख दी। नालों की सफाई नहीं होने से हर जगह नदी जैसा नजारा दिखाई दिया। 11 बजे तक 95 एमएम बारिश दर्ज की गई।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर दिल्ली सीमा से खेड़कीदौला टोल प्लाजा तक लगभग 20 किलोमीट लंबा ट्रैफिक जाम लगने से एक बार फिर महाजाम की स्थिति बन गई। सुबह साढे नौ बजे से लेकर 12 बजे तक ढाई घंटे तक वाहनों का चक्का जाम रहा। इस हाइवे पर नरसिंहपुर में सर्विस लेन पानी में डूब गई और गाड़ियां खराब होने से सर्विस लेन पर जाम लग गया। हाइवे पर भी जलभराव हो गया। बारिश कम होने व नरसिंहपुर मे पंपों के चलने के बाद जलभराव थोड़ा कम हुआ और वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी। बता दें कि 29 जुलाई 2016 को भी हीरो होंडा चौक अंडरपास पानी में डूबने से दिल्ली-जयपुर हाइवे पर महाजाम लग गया था।
अंडरपास डूबे, इंतजाम हुए फेल
गोल्फकोर्स रोड पर अंडरपास में बारिश का पानी भर गया। कई गाड़ियां भी पानी में डूब गई। गोल्फकोर्स एरिया के कई घरों के बेसमेंट में पानी घुस गया। मेदांता अंडरपास, इफको चौक अंडरपास में जलभराव होने से दोनों अंडरपास से ट्रैफिक की आवाजाही बंद कर दी गई। दोपहर तक पूरे शहर में जलभराव और ट्रैफिक जाम के कारण अफरा-तफरी मची रही। पुराने शहर की कई कॉलोनियों में भी जलभराव हो गया।

जलभराव से हर जगह आफत
सोहना रोड, सुभाष चौक, बख्तावर चौक, सेक्टर 46, पटौदी रोड , सेक्टर 34 सहित कई इलाकों में जलभराव हुआ। इसके अलावा हिमगिरी चाैक, उमंग भारद्वाज चौक, इफको चौक, शीतला माता मंदिर रोड पर सीआरपीएफ कैंप के नजदीक और बसई रोड अौर बसस्टैंड क्षेत्र में कई फुट पानी भर गया।
हाईवे पर उफन रहा नाला, निचले इलाकों में मुसीबत
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हीरो होंडा चौक से खेड़कीदौला टोल प्लाजा तक बरसाती पानी निकासी के लिए करीब दस किलोमीटर लंबी खुली ड्रेन बनी हुई है। खेड़कीदौला टोल प्लाजा से पहले एसपीआर (सदर्न पेरिफेरल रोड) के साथ-साथ बनी हुई एक ड्रेन हाईवे की ड्रेन में जुड़ रही है। वाटिका चौक की तरफ से अाने वाला बारिश का पानी इस ड्रेन से होकर हाईवे की ड्रेन तक पहुंचता है और काफी दबाव पैदा करता है। बरसाती नाला उफनने लगता है और हाईवे के निचले इलाकों नरसिंहपुर, बहरामपुर, खेड़कीदौला और मोहम्मदपुर में बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं।
ड्रेन निर्माण में लगेगा वक्त, अस्थाई इंतजाम भी फेल
जीएमडीए और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से एक नई ड्रेन का निर्माण किया जाएगा, लेकिन इसमें अभी वक्त लगेगा। सीपीआर के नजदीक हाईवे के नीचे से द्वारका एक्सप्रेस वे तक ड्रेन बनने से बारिश के पानी की निकासी दो ड्रेनों से हो जाएगी और हाईवे की ड्रेन पर पानी का दबाव कम होगा। जीएमडीए व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पानी की निकासी के लिए आठ पंप लगाए गए हैं, लेकिन ये अस्थाई इंतजाम भी बारिश के दौरान फेल नजर आए।