चंड़ीगढ़, (आवाज केसरी) । पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से गडरिया समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के फैसले पर रोक लगा दी गई है। इस मामले में याचिका दाखिल होने के बाद, अब अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी। अब मामले में मुख्य सचिव, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के प्रधान सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है।
बता दें कि हरियाणा सरकार की तरफ से 5 जुलाई को गडरिया समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इस नोटिफिकेशन को लेकर डॉ. अंबेडकर सभा संस्था ने सीनियर एडवोकेट वीके जिंदल के जरिये याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रावी शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने इस ऑर्डर पर स्टे लगा दिया है। दरअसल, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि 5 जुलाई को हरियाणा सरकार ने गडरिया समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसी नोटिस के बाद 7 जुलाई को सरकार ने दूसरा नोटिस जारी करते हुए गडरिया समाज को अनुसूचित जाति वर्ग का सर्टिफिकेट जारी करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि ये दोनों ही नोटिफिकेशन संविधान की अनुच्छेद-341 का उल्लंघन कर जारी किये गए हैं। इस विषय पर याचिकाकर्ता ने बताया कि इस प्रकार का संसोधन सिर्फ संसद ही कर सकती है। राज्य विधान सभा के पास इस सूची में संधोधन का अधिकार नहीं है।
याचिकाकर्ता की तऱफ से कहा गया है कि इस प्रकार से यह संसोधन नोटिफिकेशन सही नहीं है। इस नोटिफिकेशन को रद्द किये जाने की मांग हाईकोर्ट में की गई है। अब हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है और सरकार को नोटिस जारी कर 26 नवंबर को जबाव मांगा है।