गुरुग्राम,(आवाज केसरी) । गुरूग्राम में अवैध रजिस्ट्री के मामले में तहसीलदरों और नायब तहसीलरों पर पहले ही गाज गिर चुकी है। अब फिर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों की रजिस्ट्री मामले में सेक्टर-29 के थाने में 6 नायब तहसीलदार और 6 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
इन सभी 12 लोगों पर अवैध तरीके से फ्लैटों की रजिस्ट्री के आरोप हैं। इस मामले की जांच सीएम फ्लाइंग को सौंपी गई थी, जब जांच के दौरान आरोप साबित हो गए, तो उन्हीं के आधार पर ये मामला दर्ज करवाया गया है।
दरअसल,तत्कालीन नायब तहसीलदारों ने नियमों को ताक पर खते हुए ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की अवैध रूप से रजिस्ट्री की थी।
जबकि इस तरह के फ्लैट अलॉट होने के बाद पांच सालों तक कोई भी फ्लैट नहीं बेच सकता। इसी के चलते सीएम फ्लाईंग स्क्वाड की टीम ने चार कंपनियों के रिकॉर्ड खंगाले, तो सामने आया कि करीब 75 प्रतिशत फ्लैट अलॉटमेंट के तुरंत बाद ही बेच दिए गए।
सीएम फ्लाइंग ने आठ महीने की अपनी जांच के बाद गुरुग्राम पुलिस को रिपोर्ट दी और केस दर्ज किया गया।
सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की तरफ से चार बिल्डर्स से ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की रजिस्ट्री का रिकॉर्ड मांगा गया था, जिसमें बैसटैक, तुलीप, सनसिटी, एस्सल बिल्डर के रिकॉर्ड को खंगाला गया।
इसमें वाजीराबाद और गुरुग्राम की तहसील शामिल है, जहां से रजिस्ट्री की गई। सामने आया कि गुरुग्राम में करीब 75 ऐसे बिल्डर हैं, जिनके ईडब्ल्यूएस फ्लैट के खरीद-फिरोख्त के बारे में शिकायत मिली थी। पूरे मामले में जांच की गई, तो सामने आया कि 75 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्होंने फ्लैट मिलने के बाद ही बेच दिए।