पलवल में कानून के फंदे लोक लाज के डर से एक दंपत्ति ने अपनी जवान बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। मरने वालों की पहचान करीमपुर गांव निवासी 42 वर्षीय राकेश, 40 विमलेश तथा 17 वर्षीय प्रीति के रूप में हुई है। इन तीनों के खिलाफ पिछले दिनों चांदहट थाना में एक वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर एक व्यक्ति को मरने के लिए मजबूर कर देने का मुकदमा दर्ज हुआ था । जिसके बाद यह परिवार बेहद डरा हुआ था हालांकि पुलिस ने आरोपी परिवार की गिरफ्तारी अथवा पूछताछ के लिए कोई खाश कार्रवाई नहीं की थी , लेकिन फिर भी हत्या के समान आपराधिक मुकदमा दर्ज होने के बाद पूरे परिवार पर संकट के बादल मंडराए हुए थे। मुकदमा भी ऐसा की जिसमें पत्नी और जवान बेटी पर रेप का झूठा मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग और उत्पीडन से दुखी होकर आत्महत्या के लिए मजबूरी वश जहरीला पदार्थ खाकर जीवनलीला समाप्त करने का जिक्र किया गया है ।

अभी चांदहट थाना पुलिस अपने यहाँ दर्ज एफ आई आर नम्बर 255 पर गम्भीरता के कार्रवाई कर भी नहीं पाई थी की एफ आई आर में दर्ज तीनों नामित पति-पत्नी और बेटी ने ट्रेन के आगे खड़े होकर आत्महत्या कर ली । तीनों की मौत के बाद अब मृतक परिवार के परिवार जन अब चांदहट थाने में मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 21 जुलाई को चांदहट थाने में पलवल के निकटवर्ती ग्राम छज्जू नगर निवासी ब्रह्मा पत्नी रमेश ने एक वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर करीमपुर गांव निवासी राकेश, राकेश की पत्नी विमलेश तथा 17 वर्षीय पुत्री प्रीति के खिलाफ रेप के झूठे आरोप में फंसाने का दबाव बनाकर उत्पीड़न कर ब्लैकमेल तथा मरने के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा नंबर 255 के अनुसार छज्जुनगर निवासी डॉ रमेश ने अपने भाई मोनू को फोन करके बताया था कि उसने उक्त 3 लोगों के उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए जहर खा लिया है। वॉइस रिकॉर्डिंग के अनुसार मृतक डॉ रमेश अपने भाई से इन तीनों दोषियों से बदला लेने तथा कानून के द्वारा सख्त से सख्त सजा दिलाने की बात करता है। इससे पहले कि भाई अपने भाई को बचाने के लिए जाता उससे पहले उसकी मौत हो चुकी थी।जहर खाकर मौत की बात करने तथा मौत के लिए करीमपुर निवासी पति-पत्नी और उनकी बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था , ।लेकिन मुकदमा दर्ज होने के मात्र 4 दिन बाद एक और दर्दनाक घटना सामने आ गई जिसमें तीन लोगों ने ट्रेन के सामने आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली गई । पुलिस ने तीनों के शवों के क्षत-विक्षत टुकड़ों को एकत्रित कर पोस्टमार्टम करवाया और परिजन को सौंप दिया।

अभी पुलिस के लिए यह मामला काफी पेचीदा मालूम पड़ रहा है क्योंकि इसमें एक व्यक्ति पहले जहर खाकर आत्महत्या कर लेता है और उसके बाद जिन लोगों पर उसने आरोप लगाए थे वे तीनों लोग भी ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लेते हैं। ऐसे में सच्चाई को सामने लाना बहुत कठिन काम है। जानकारों के अनुसार इसमें सबसे पहले तो वॉइस रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी की वास्तव में आवाज मरने वाले रमेश की ही है, उस आवाज में किसी एनी व्यक्ति के द्वारा दबाव बनाकर कराई गई काल तो नहीं ? और तीसरी बार काल करने वाला जिसने कोई जहरीला पदार्थ खाया हुआ हो मरते समय झूठ क्यों बोलेगा । या फिर जो भी बात काल करके अपने भाई को बोल रहा है वह अपनी स्वेच्छा से ही भाई को कुछ बातें बता रहा है या किसी दबाव में इन तीनों के नाम ले रहा है । यह इस तरह के सवाल हैं जिनपर पुलिस कार्रवाई से पहले जरुर कार्य करेगी । अब यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा की चार लोगों की मौत के लिए वास्तव में जिम्मेवार कौन –कौन हैं।

पुलिस के सामने यह भी चुनौती रहेगी कि मरने वाले माता पिता और पुत्री वास्तव में ही जहर खा कर जान देने वाले डॉक्टर रमेश का उत्पीड़न कर रहे थे जिसके कारण उसने आत्महत्या की हो।
इस सबके मध्य बेहद संगीन मामले में सबसे पहले तो यही लगता है कि पुत्री सहित पत्नी के साथ लोक लाज भंग होने के डर से इन तीनों ने आत्महत्या की है। आरोप चाहे इसमें झूठा हो या सच्चा हो, लेकिन प्रथम दृष्टया मामला लोक लाज भंग होने का ही दिखाई दे रहा जिसके चलते कठोरतम निर्णय लेकर आत्महत्या की गई है और तीन जाने गई हैं ।