80 गांवों की महापंचायत के लोगों ने धरना शुरू

पलवल ,1 जनवरी (गुरुदत्त गर्ग) । पलवल और नूंह जिले के 80 गांवों के किसानों ने केएमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे पर कट की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। यह धरना मंडकोला सिलानी रोड स्थित केएमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे के नौरंगाबाद के पास बन रहे गोल चक्कर पर दिया जा रहा है। जिसे जलेबी चौक का नाम दिया जा रहा है। जो की एशिया का सबसे बड़ा गोल चक्कर बताया जा रहा है । नए साल 2023 के पहले दिन से शुरू इस धरने में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। बड़ी संख्या महिलाएं भी धरने में शामिल हुई।
पलवल के मंडकोला गांव के पास हजारों किसान नए साल के पहले ही दिन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे इन लोगों की मांग है कि पलवल और मेवात से होकर गुजर रहे केएमपी तथा दिल्ली मुंबई -दिल्ली- वडोदरा एक्सप्रेस और नोएडा से फरीदाबाद होते हुए रेवाड़ी की ओर जाने वाले एक्सप्रेस वे के लिए बनाए गए गोल चक्कर पर इस क्षेत्र में कट दिया जाए । जिससे इस क्षेत्र में उद्योग धंधों से लेकर कारोबार के नए आयाम स्थापित होने से इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास हो सके। खेड़ा खलीलपुर गांव के पूर्व सरपंच एवं किसान नेता नत्थूराम गुर्जर का कहना है कि हमारे इस क्षेत्र के लोगों ने अपनी हजारों एकड़ जमीन को 3 एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए जमीन दी है। जिससे लोगों की आजीविका के साधन कम हुए हैं। लेकिन यदि केंद्र सरकार यहां पर कट दे देती है तो यहां पर नए-नए उद्योग धंधों और व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। एक अच्छी कनेक्टिविटी मिलने से उद्योगपति यहां पर आएंगे और अपने-अपने कल कारखाने स्थापित करेंगे। जिससे इस क्षेत्र का नया भाग्योदय होगा।
मंडकोला गांव के किसान एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता नाहर सिंह डागर ने बताया कि मडकोला गांव के पास केएमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे पर कट दिए जाने की घोषणा पिछले दिनों हथीन रैली में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लोगों को एक बड़ी उम्मीद भविष्य के विकास की दिखाई देने लगी थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री जी की इस घोषणा को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जिसके लोग निराश हैं। इसके लिए मंडकोला में पिछले दिनों दो बार बड़ी पंचायतें हुई। जिसमें पलवल और मेवात के 80 गांव के लोगों ने कट की मांग को लेकर यहां पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का फैसला लिया था। है। आसपास के 80 गांवों इन ग्राम वासियों का कहना है कि जब तक 3 बड़े एक्सप्रेस वे पर इस क्षेत्र की जनता को जोड़ने के ये कट नहीं दिया जाएगा तब तक यह धरना दिन और रात 24 घंटे चलता रहेगा।
केएमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे पर कट के लिए बनाई गई संघर्ष समिति के कोषाध्यक्ष दुबालू गांव निवासी बलजीत सिंह डागर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए कट होना जरूरी है। कट देने की सरकार की मंशा भी है। लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी के इस बड़े प्रोजेक्ट से जुड़े हुए प्रशासनिक एवं सरकार से जुड़े हुए कुछ अधिकारी अपने निहित स्वार्थों के कारण इस क्षेत्र में कट मैं देरी कर रहे है। उन बड़े अधिकारियों ने अपने परिवार के लोगों और रिश्तेदारों को यहां के भोले-भाले किसानों की जमीनों को सस्ते में लेने के लिए छोड़ दिया है। उनके लोग किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीद कर फिर कई गुना दामों पर इस जमीन को बेचकर मोटा मुनाफा कमाने का काम करेंगे। इसलिए उन्होंने किसानों को अपनी जमीन ना बेचने का आह्वान करते हुए कहा धरना और संघर्ष भले ही लंबा चले लेकिन उन्हें जीत अवश्य मिलेगी।