पलवल,16 जनवरी (गुरुदत्त गर्ग)। पलवल जिले के पांच खंडों के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारीयों ने प्रदेश सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मांगे नहीं मानने पर उन्हें हड़ताल और आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
पलवल जिला मुख्यालय पर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में पलवल,हथीन, हसनपुर, होडल तथा पृथला ब्लॉक के ग्रामीण सफाई कर्मचारी शामिल हुए। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान वेदराम तथा उप प्रधान चंद्रवीर ने बताया कि पिछले वर्ष में उन्होंने अपनी मांगों के लिए पूरे प्रदेश में लगातार 51 दिन तक हड़ताल की थी। 51 दिन के बाद चंडीगढ़ में उनके राज्य स्तरीय पदाधिकारी के साथ सरकार के लोगों की बातचीत हुई थी। जिसमें सफाई कर्मचारियों के वेतन में ₹3000 की वृद्धि के साथ-साथ हर वर्ष तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि का आश्वासन दिया था। साथ ही साथ सफाई कर्मचारियों के लिए ₹2000 वार्षिक भत्ता साबुन- तेल इत्यादि के लिए देने का आश्वाशन दिया था। लेकिन एक महीने का समय बीतने के बाद भी प्रदेश सरकार की तरफ से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।

उन्होंने मांग की है जब तक सफारी कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर राजस्थान की तर्ज पर पक्का नहीं किया जाता तब तक सफाई कर्मचारियों को 26000 रुपए न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए। सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी ने बताया कि उनके प्रोविडेंट फंड खाते में भी काफी बड़ा घोटाला है। किसी कर्मचारी का कितना जमा दिखाया जाता है। और किसी कर्मचारी का कितना बैलेंस दिखाया जाता है। इस मामले में भी उन्होंने अपने अधिकार की मांग की है।

साथ ही ग्रामीण और शहरी सफाई कर्मियों के वेतन में असमानता का आरोप लगाते बताया कि 2013 तक ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को शहरी सफाई कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलता था लेकिन अब ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को शहरी सफाई कर्मचारियों की तुलना में काफी कम वेतन मिलता है। ग्रामीण क्षेत्र में काम अधिक होने के बावजूद उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है इसका जबाव मांगा है।