नई दिल्ली,(आवाज केसरी ) । देश में हर दिन बढ़ते जा रहे कोरोना मामलों को देखते हुए टेस्टिंग करने की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को देश की पहली कोरोना टेस्टिंग मोबाइल लैब की शुरूआत को हरी झंडी दिखाई है।
मिली जानकारी के अनुसार यह लैब दूर-दराज के इलाकों में टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल की जाएगी। यह लैब प्रतिदिन 25 RT-PCR टेस्ट, 300 ELISA टेस्ट कर सकती है। इस मोबाइल लैब की खासियत है कि यह लैब टीबी और एचआईवी की जांच भी कर सकती है।
डॉ हर्षवर्धन
डॉ हर्षवर्धन ने की शुरूआत
इस बारे में लैब की शुरुआत करने के बाद डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि ‘हमने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई 1 फरवरी से, एक लैब के द्वारा शुरू की थी और आज देश भर में 953 लैब हैं। इस लैब्स में से 699 लैब सरकारी है। अब दूर-दराज के क्षेत्रों में टेस्ट की सुविधाओं को पहुंचाने के लिए ऐसे इंनोवेशन विकसित किए गए हैं।’
कैसे तैयार हुई ये लैब?
थर्मल स्क्रीनिंग, वेंटिलेटर, कोरोना टेस्ट डिवाइस, 3 डी मास्क आदि बनाने वाली आंध्र प्रदेश की कंपनी एएमटीजे ने इस लैब को आई-लैब का नाम दिया है। बताया जा रहा है कि इस लैब को भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से बनाया गया है। इस लैब में आरटीपीसीआर जांच के साथ एलाइजा टेस्टिंग की सुविधा भी रहेगी।
बताया जा रहा है कि ये मूवेबल होगी और इस रैपिड रैस्पांस मोबाइल लैबोरेटरी एक बड़े ट्रक पर होगी, जिसे किसी भी क्षेत्र में ले जाया जा सकेगा।