गुरुग्राम,(आवाज केसरी)। गुरुग्राम विश्वविद्यालय, सेक्टर 51 में हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय के नये मॉडल का अनावरण किया। गुरुग्राम विश्वविद्याल का सेक्टर-87 में करीब 48 एकड़ जमीन पर निर्माण किया जाना है। जिसके मास्टर प्लान का मुख्यमंत्री ने अनावरण किया। अनावरण के दौरान सीएम मनोहर लाल ने गुरूग्राम विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जैसा पवित्र नाम वैसा ही पवित्र ज्ञान, भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम गुरुग्राम विश्वविद्यालय में निरंतर चल रहा है उन्होंने गुरु द्रोणाचार्य का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में सदियों से गुरु-शिष्य परंपरा समाज और देश का मार्गदर्शन करती रही है। अनेक ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिन्हें संवारने और उनके जीवन को नई दिशा देने में उनके गुरुओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही। बदलते समय में गुरु-शिष्य परंपरा और शिक्षक-शिक्षण का स्वरूप भले ही बदल गया है लेकिन सभ्य समाज और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में विश्वविद्यालय की भूमिका आज भी उतनी ही मूल्यवान है। इस लिहाज़ से गुरुग्राम विश्वविद्यालय इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है अगर आज का युवा कर्मठ एवं अनुशासित हो तो देश का भविष्य निश्चित ही उज्जवल होगा। ऐसे में विश्वविद्यालय की भूमिका निश्चित रूप से काफी अहम हो जाती है। बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हमारे अंदर आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। शिक्षा सभी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा के सभी स्तर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। जो केवल अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही संभव है। साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मार्कण्डेय आहूजा के प्रयासों की भी जमकर प्रशंसा की।
वहीं गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर मार्कण्डेय आहूजा ने कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय के नए मॉडल का अनावरण हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया। हमारी जड़े भारतीयता में हो और हमारी उड़ान आधुनिकता की तरफ जाए क्यूँकि हमारा ध्येय वाक्य है “विद्या जीवनाय न तू जीविकाय” है। विद्या को अब तक जीविका के साथ जोड़ा गया था लेकिन हमने जीवन के साथ जोड़ने का काम किया है। डॉक्टर आहूजा ने गुरूग्राम विश्वविद्यालय के नए मॉडल के बारे में सभी को विस्तार पूर्वक बताया और साथ ही कहा कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय की पहचान आने वाले दिनो में अन्य परंपरागत विश्वविद्यालयों की तरह नहीं बल्कि इसकी पहचान ज्ञान केंद्र के रूप में होगी। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की परिकल्पना के अनुसार यहां शिक्षा के विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और आज का दिन गुरुग्राम विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक है। जब एक सपना साकार होने जा रहा है। आने वाले सालों मे आप देखेंगे सभी रास्ते गुरुग्राम विश्वविद्यालय की ओर जा रहे होंगे। हमारे लिए, गुरुग्राम विश्वविद्यालय वर्तमान एवं अतीत के बीच एक कड़ी है तथा हमारी संस्कृ्ति का सेतु है। जो हमारी ‘भारतीय संस्कृति की ओर देखो’ नीति का अभिन्न अंग रहा है तथा आज इसके नए मॉडल का अनावरण हमारे सहयोग का प्रमाण है गुरुग्राम विश्वविद्यालय का हरा-भरा नया परिसर गुरुग्राम से करीब 15 किलोमीटर दूर कांकरौला गांव के सेक्टर -87 में बन रहा है, यह देश में अपनी तरह का पहला परिसर होगा, जहां विश्वविद्यालय में प्रवेश करते ही विध्नहर्ता श्रीगणेश के दर्शन होंगे। जो निश्चित रूप से शिक्षा के साथ साथ धार्मिक आस्थाओं को भी बढावा देगी। भगवान श्री गणेश को बुद्धि , ज्ञान , कला का प्रतीक माना जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए गुरूग्राम विश्वविद्यालय का मास्टर प्लान गणेश जी के आकार के जैसा तैयार किया गया है।
यूनिवर्सिटी का मास्टर प्लान : मास्टर प्लान में एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक, ऑडिटोरियम, फैक्ल्टी हाउस बिल्डिंग, फार्मास्यूटिकल साइंस ब्लॉक, फिजियोथेरेपी ब्लॉक, लाइफ साइंस ब्लॉक, साइंस ब्लॉक, इंजीनियरिंग ब्लॉक, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट ब्लॉक, ह्यूमिनिटी एंड साइंस ब्लॉक, लॉ ब्लॉक, यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर, एनीमल हाउस ब्लॉक, वर्कशॉप, सेंट्रल लाइब्रेरी, इनोवेशन सेंटर, एथलेटिक्स ट्रैक, हॉकी मैदान, बास्केटबॉल व बैडमिंटल कोर्ट, वीसी रेजिडेंस, कर्मचारी आवास, गर्ल्स व बॉयस हॉस्टल, सर्विस ब्लॉक, पार्किंग, टेंपरेरी ऑफिस व कैंटीन शामिल की गई है। आगामी तीन वर्षों में यह विश्वविद्यालय पूर्णरूप से बनकर तैयार हो जाएगा। कार्यक्रम के दौरान एमडीयू के कुलपति डॉ राजबीर सिंह, श्री विश्वकर्मा विवि के कुलपति राज नेहरु, गुरुग्राम विश्ववविद्यालय के रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार समेत पूरा स्टाफ मौजूद रहा।