पलवल 12 जून (आवाज केसरी ) । पलवल में कोरोना के पहले संक्रमित मरीज की हुई मौत हो गई । वह पिछले 8 दिन से फरीदाबाद के एक निजी हॉस्पिटल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा था,एक दिन पहले हालत ज्यादा बिगड़ने पर दिल्ली सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां उसकी मौत हुई । पलवल की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान नंबर 18 में पिछले दो महीनों से किराए पर रहने वाले निवासी यश कुमार की देर रात करीब 3:00 बजे हुई मौत का परिवार के लोगों को चार बजे समाचार मिलने पर कोहराम मच गया था । यश कुमार की मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार बताया जा रहा है । मृतक यश कुमार का पलवल की सब्जी मंडी में आढत का काम था |

प्राप्त जानकारी के अनुसार यश कुमार को सबसे पहले 1 जून को सांस लेने में तकलीफ होने के चलते पलवल जिला अस्पताल ले जाया गया था ,लेकिन वहां पर स्वास्थ्य विभाग ने ठीक से जाँच ना करके लापरवाही करते हुए घर वापस भेज दिया गया। 2 जून को फिर दोबारा जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन दूसरी बार फिर वही लापरवाही सामने आई और फिर सामान्य हिदायत देने के बाद यश को घर वापस लौटा दिया गया। 3 तारीख को फिर हालत बिगड़ने पर जब जिला अस्पताल ले जाया गया तो पलवल जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने यश कुमार का कोरोनावायरस कोविड19 सैंपल जांच के लिए ले तो लिया लेकिन उसकी रिपोर्ट 7 जून तक पेंडिंग रही । बताया जा रहा है कि परिवार के अन्य लोगों का भी 3 जून को कोविड 19 टेस्ट के लिए सैम्पल लिया गया था। लेकिन कई दिनों तक उनकी रिपोर्ट भी नहीं बताई गई। इसी बीच ज्यादा हालत खराब होने पर यश कुमार को फरीदाबाद के क्यूआरजी हॉस्पिटल में जहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया था वहां पर वेंटिलेटर पर डाल दिया गया। आठ दिन तक जब कोई फायदा नजर नहीं आने पर एक दिन पहले ही यश कुमार को दिल्ली सफदरजंग हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां देर रात तीन-चार बजे के आसपास उसकी मौत हो गई।

मृतक की उम्र पैंतालीस वर्ष के आसपास बताई जा रही है। मौत की सूचना के बाद परिवार तथा रिश्तेदार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित मकान नम्बर 18 पर एकत्रित हुए और उसके बाद शव को लेने दिल्ली चले गए । घर पर इस समय उनकी बहन ,मामा तथा दो अन्य महिला ही हैं । मौत की सूचना पर घर पहुँचने वाले आगन्तुकों रो- रोकर बुरा हाल देखा गया । यहाँ परिवार की महिलाएं सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को कोस रही थी।
अभी शव पलवल नहीं पहुंचा है बताया गया की कोरोना केस के चलते सरकारी कागजी कार्यवाही के चलते लाश लेने में परिजनों को वक्त लग रहा है | बताया यह भी जा रहा है की शव परिजनों की बजाय सरकारी व्यवस्था के तहत ही पंचतत्व में विलीन किया जाएगा | लेकिन अभी यहाँ कोई पुख्ता जानकारी नही है |
वहीं कोरोना की पहली मौत के बाद स्वाथ्य विभाग और जिला प्रसाशन के अधिकारीयों के मुंह पर भी मायूसी देखी गई ।