पलवल, (आवाज केेेसरी ) बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने गत दिवस पलवल के गांव में एक 10 वर्षीय मूक-बधिर मासूम बच्ची के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दिए जाने के जंघन्य अपराध के लिए स्वंय सज्ञांन लिया और बच्ची के परिवार से मिलकर अपनी संम्वेदनाएं व्यक्त करते हुए केस की जानकारी ली। गांव के लोगों ने बैंच के सदस्यों को पुलिस की लापरवाही के बारे में भी बताया कि किस प्रकार पुलिस ने बच्ची के गुम होने की रिपोर्ट 24घंटें तक भी नहीं लिखी और उन्हें थाने से भगा दिया था। बच्ची के पिता ने भी कहा कि यदि समय रहते पुलिस ने कोशिश की होती तो शायद आज मेरी बेटी जीवित होती।
बैंच के सदस्य निशांत गौड़ ने बच्ची के पिता जो स्वंय विकलांग हैं को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा परिवार को मुफ्त कानूनी सहायता व वकील मुहिया करवाया जाता है यदि वह चाहे तो और सदस्य अल्पना मित्तल ने कहा कि आज देश में विकृत मानसिकता के लोग छोटी-छोटी मासूम बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं और पहचाने जाने के डर से बच्चियों की हत्या भी कर देते हैं इसलिए हमें समाज़ में इंसान के रुप में छिपे इन भेड़ियों से अब और भी ज्यादा सावधान और सचेत की जरूरत है उन्होंने बच्ची के माता-पिता से कहा कि हम आपकी बेटी को तो वापस नहीं ला सकते लेकिन सरकारी आर्थिक मदद से आपके दुःख को कुछ कम करने की थोड़ी
सी कोशिश जरूर कर सकते हैं साथ ही मृत बच्ची के दोनों छोटे भाई-बहन भी जो कि शायद आंशिक रुप से मूक-बधिर हैं, के लिए भी सरकारी अस्पताल में मिलने वाली मेडिकल सहायता के लिए हम आपके साथ हैं अन्य सदस्य बिजेंद्र मंगला ने परिवार व अन्य गांव वालों को जानकारी देते हुए बताया कि कल बाल कल्याण समिति के सभी सदस्यों ने एस.पी. दीपक गहलावत व डी.एस.पी अनिल पलवल से मुलाकात करके दोषियों की चार्ज शीट व केस की ताज़ा जानकारी ली है और आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस जल्द चार्जशीट दाखिल कर मुलजिमों को स्पेशल पोक्सो कोर्ट में पेश करें।
बैंच की सदस्या शकुंतला देवी ने सभी को आश्वस्त किया कि परिवार की हर सम्भव सरकारी मदद की जाएगी और उन्हें किसी से भी डरने की बिलकुल भी जरुरत नहीं है । बाल कल्याण समिति पलवल की बैंच के साथ मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी कपिल कुमार तथा संस्थागत अधिकारी जाहुल भी मौजूद रहे ।