पलवल,(आवाज केसरी)
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के तत्वावधान में पिछले 95 दिनों से अनशन पर बैठे शारीरिक शिक्षकों के आंदोलन को समाज के हर वर्ग का समर्थन तथा सहयोग मिल रहा है,जिसका मुख्य कारण शारीरिक शिक्षकों की 10 वर्षों की सेवा, भर्ती आयोग की घोर लापरवाही तथा सरकार द्वारा ठोस तथ्यों को अदालत के समक्ष जानबूझकर नहीं रखना है। लेकिन सरकार आज भी मामले को लटकाकर और उलझाकर आंदोलन को कमजोर करना चाहती है । हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सरकार के इस व्यवहार की निंदा करता है और अपील करता है कि सरकार मानवीय और नैतिकता के दृष्टिकोण से अध्यादेश लाकर शीघ्र नौकरी बहाल करे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने के लिए उन्हें एक अक्टूबर तक का समय दिया है हालांकि प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री इस सन्दर्भ में उ\उच्चतम न्यायालय के आदेशों को पलटने से साफ़ इनकार क्र चुकी है , सूत्रों का तो यहाँ तक भी कहना है की जिस प्रकार शारीरक अध्यापकों की फर्जी दस्तावेजों और अमान्य मानदंडों के आधार पर भर्ती हुई है उसके आधार पर सैंकड़ों अध्यापकों के खिलाफ क्रिमनल केस भी बन सकता था ! फिर भी अनशन पर बैठे अध्यापक अभी सरकार से उम्मीद करते है कि एक तारीख को मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनकी जायज मांगो को सुनते हुए जल्द ही उनकी मांगे को पूरा करके नौकरी बहाल करेंगे।