मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गयी हैं. दोनों ही पार्टियाँ अभी से आने चुनाव की तैयारियों में जुट गयी हैं और रणनीतियां बना रही हैं. भले ही एमपी में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी है लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम अभी थमा नहीं है. इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है.
जानकारी के लिए बता दें अभी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके समर्थक विधायक और मंत्रियों के बाद ही एमपी में बीजेपी की सरकार बनी है. वहीँ दूसरी ओर एमपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर सिंधिया और उनके समर्थक विधायक व् मंत्री भी जबरदस्त मेहनत कर रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे बीजेपी नेता प्रेमचंद गुड्डू को आख़िरकार बहुत भारी पड़ गया.

सिंधिया के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने के चलते बीजेपी ने गुड्डू को नोटिस जारी कर जवाब माँगा था लेकिन बुधवार तक उन्होंने पार्टी को जवाब नहीं दिया. जिसके बाद हाईकमान ने गुड्डू को पार्टी की प्रथमिक सदस्यता से निष्काषित कर दिया है. सिंधिया पर निशाना साधने वाले प्रेमचंद गुड्डू इससे पहले कांग्रेस में ही थे और बाकायदा उज्जैन से साल 2009 में कांग्रेस से सीट लेकर सांसद चुने गये थे.

गौरतलब है कि साल 2018 में गुड्डू और उनके बेटे अजित बौरासी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद अभी हाल ही में सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ जमकर बयानबाजी की. पार्टी ने एक्शन लेते हुए पहले तो उनसे जवाब माँगा और फिर बाद में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया.